जया एकादशी आज: इस विधि से क्षमा होते हैं भूलवश किए गए अपराध

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जया एकादशी आज: इस विधि से क्षमा होते हैं भूलवश किए गए अपराध
जया एकादशी आज: इस विधि से क्षमा होते हैं भूलवश किए गए अपराध

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। मुख्यतः इस व्रत को मोक्ष की कामना से धारण किया जाता है। एकादशी का व्रत करना बहुत ही समृद्धिदायक बताया गया है। इसका पुण्य मृत आत्माओं को मिलने के साथ ही उसके व स्वयं के पाप कर्म भी कट जाते हैं। अन्य एकादशियों के समान ही जया एकादशी का भी बहुत महत्व है। यह माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। जया एकादशी पर भगवान विष्णु के उपेंद्र रूप की पूजा की जाती है।  इस वर्ष जया एकदशी 27 जनवरी 2018 शनिवार के दिन मनाई जा रही है।

 

क्षमा हो जाते हैं अपराध

मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के भूलवश हुए अपराध क्षमा कर दिए जाते हैं। उन्हें नीच योनि के साथ ही कर्मों की वजह से मिलने वाली प्रेत, पिशाच आदि स्थितियों से भी छुटकारा मिलता है। जया एकादशी के दिन ब्रम्हमुहूर्त में स्नान कर सूर्यदेव को अघ्र्य देने के साथ ही भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए। इसके पश्चात दिनभर एकाग्रता के साथ इस व्रत को धारण करना चाहिए। एकादशी की कथा भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को सुनाकर इसका महत्व बताया था। इस दिन भगवान विष्णु की प्रिय वस्तुएं अर्पित कर रात्रि जागरण कर हरि का ध्यान करना चाहिए। व्रत पारण के पश्चात ब्रम्हणों व गरीबों को भोजन कराना चाहिए। 

 

पौराणिक कथा 

इस व्रत की कथा पुष्पवती और माल्यवान से जुड़ी है। ऐसा वर्णन मिलता है कि पुष्पवती नृत्यांगना थी और माल्यवान संगीतकार। दोनों को नंदन उत्सव में इंद्र से मर्यादा भंग करने के कारण पृथ्वी पर पिशाच योनि में रहने का श्राप दे दिया था, इस दौरान वे हिमालय में एक वृक्ष पर निवास कर रहे थे तभी ठंड की वजह से एक दिन उनकी मृत्यु हो गई, किंतु जिस दिन उनकी मृत्यु हुई वह जया एकादशी का दिन था। उस दिन उन दोनों ने सिर्फ फलाहर किया और ठंड की वजह से रात्रि जागरण भी। इस तरह उनसे अंजाने में यह व्रत हो गयाा, जिससे उन्हें इंद्र के श्राप से मुक्ति और पहले से अधिक रूपवान काया मिली। स्वर्ग पहुंचकर उन्होंने इस व्रत की महिमा इंद्र व सभी देवताओं का सुनाई। 


जया एकदशी शुभ मुहूर्त 2018

एकदशी तिथि प्रारंभ- 27 जनवरी 2018, शनिवार को 11:14 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त- 28 जनवरी 2018, रविवार को 08:27 बजे तक 

Created On :   7 Jan 2018 8:59 AM IST

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