कालाष्टमी: आज करें रात्रि जागरण और भैरव की आरती, मिलेंगे ये लाभ

Kalashtami: Do night awakening and Aarti of Bhairav today
कालाष्टमी: आज करें रात्रि जागरण और भैरव की आरती, मिलेंगे ये लाभ
कालाष्टमी: आज करें रात्रि जागरण और भैरव की आरती, मिलेंगे ये लाभ

डिजिटल डेस्क। पौष माह का हिन्दू पंचाग में एक अलग महत्व है, इस माह में वैसे तो कई व्रत और पर्व आते हैं, लेकिन कृष्ण पक्ष अष्टमी की तिथि को आने वाली कालाष्टमी का पर्व खास होता है, जो कि इस बार 19 दिसंबर यानी कि आज है। बता दें कि हर माह कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत आता है।

इस दिन भगवान शिव के एक रूप काल भैरव की पूजा करने का विशेष महत्व है। काल भैरव को शिव का पांचवां अवतार माना गया है।  इस दिन का व्रत रखने से सभी नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं। 

मान्यता
मान्यता है कि काल भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव के क्रोध से हुई थी। इसलिए इस तिथि को कालभैरव अष्टमी नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव ने पापियों को दंड देने के लिए रौद्र रुप धारण किया था। 

भगवान शिव के दो रुप हैं एक बटुक भैरव और दूसरा काल भैरव। बटुक भैरव रुप अपने भक्तों को सौम्य प्रदान करते हैं और वहीं काल भैरव अपराधिक प्रवृत्तयों पर नियंत्रण करने वाले प्रचंड दंडनायक हैं। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में कभी भूत-पिशाच या किसी बुरी नजर का साया नहीं पड़ता है।

पूजा विधि और व्रत रखने के फायदे?

- भैरव बाबा की उपासना षोड्षोपचार पूजन सहित करनी चाहिए और रात्री में जागरण करना चाहिए। 
- रात में भजन कीर्तन करते हुए भैरव कथा व आरती करने से विशेष लाभ मिलता है।  
- भैरव अष्टमी के दिन व्रत और पूजा उपासना करने से शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है। 
- इस दिन भैरव बाबा की विशेष पूजा अर्चना करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है।
- इस तिथि पर श्री कालभैरव जी का दर्शन- पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते को मीठा भोजन कराना चाहिए।
- इस दिन काल भैरव के दर्शन करने से भूत पिशाच का डर खत्म हो जाता है।

Created On :   19 Dec 2019 9:30 AM GMT

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