जानिए कब करें करवीर व्रत, कैसे करें पूजा

Karveer Vrat 2018: Learn importance and method of Karveer Fast
जानिए कब करें करवीर व्रत, कैसे करें पूजा
जानिए कब करें करवीर व्रत, कैसे करें पूजा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म के ज्येष्ठ मास की शुक्ल प्रतिपदा के दिन करवीर व्रत का विधान है। इस बार ये तिथि 14 जून 2018 को आ रही है। करवीर अर्थात कनेर इसलिए इसे करवीर व्रत कहा जाता है। इस व्रत में सूर्य की आराधना का विधान है। पवित्र स्थान में जाकर कनेर वृक्ष का पूजन किया जाता है। इस दिन व्रत रखने पर संकट से छुटकारा मिलता है। यह व्रत स्त्रियों को तत्काल फल देने वाला है। पुराने समय में सावित्री, सत्यभामा और दमयंती आदि सती स्त्रियों ने इस व्रत को किया था।

हिन्दू धर्म में सूर्य पंच देवों में एक है। वह साक्षात देव माने जाते हैं। जिनकी अपार शक्ति, गति और ऊर्जा से संसार का हर प्राणी और वनस्पति जीवन शक्ति पाते हैं। वह काल के निर्धारक भी हैं। सूर्य को धार्मिक मान्यताओं में भी समस्त इच्छाओं और कामनाओं को पूरा करने वाला बताया गया है।

 


पूजा विधि 

  • ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा को देव स्थान (मंदिर) जाकर कनेर के वृक्ष का पूजन करना चाहिए।
     
  • वृक्ष को मूल, शाखाओं और उपशाखाओं सहित स्नान कराकर लाल वस्त्र ओढ़ाना चाहिए।
     
  • नैवेद्य, गन्ध, पुष्प, धूप-दीप आदि से पूजन करना चाहिए।
     
  • वृक्ष के समीप सप्तधान्य रखकर उस पर केले, नारंगी, बिजौरा और गुणक आदि स्थापित करें
     
  • इस मंत्र का जाप करें :- 

 


 

करवीर विषावास नमस्ते भानुवल्लभ। 
मौलिमण्डन दुर्गादिदेवानां सततं प्रिय।। 
‘आकृष्णेन रजसा वर्तमानो‘

  • मन्त्र जप के साथ वृक्ष की प्रदक्षिणा (परिक्रमा) करें।
     
  • सूर्य भगवान की पूजा करें साथ ही व्रत रखें और व्रत अगले दिन खोलें।


यह व्रत सूर्य की आराधना का है जो आपदग्रस्त स्त्रियों को तत्काल फल देता है। प्राचीनकाल में सावित्री, सरस्वती, सत्यभामा और दमयन्ती आदि ने इसी व्रत से फल प्राप्त किया था। इस करवीर व्रत को जो भक्तिपूर्वक करता है, वह अनेक प्रकार के सुख भोग कर अंत में सूर्यलोक को जाता है। 

Created On :   9 Jun 2018 3:28 PM IST

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