8 अक्टूबर को मनाया जाएगा 'करवा चौथ', ये है पूजन का शुभ मुहूर्त

Karwa Chauth vrat katha and pujan muhurt 2017 with puja vidhi
8 अक्टूबर को मनाया जाएगा 'करवा चौथ', ये है पूजन का शुभ मुहूर्त
8 अक्टूबर को मनाया जाएगा 'करवा चौथ', ये है पूजन का शुभ मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। परंपराओं के देश में त्योहारों की कड़ी प्रारंभ हो चुकी है। शिव, कृष्ण माह के बाद नवरात्र दशहरा भी जोर-शोर से मना लिया गया है। अब शरद पूर्णिमा के बाद बारी है करवा चौथ की, जो कि इस बार 8 अक्टूबर रविवार को मनाया जा रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ता है। यह व्रत विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। जिन युवतियों का विवाह होने वाला होता है वे भी इस व्रत को धारण करती हैं। 

व्रत कथा

इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, जिसे शाम को चांद के पूजन के बाद ही पति के हाथों से जल ग्रहण कर खोला जाता है। इस व्रत को लेकर भी कई कथाएं प्रचलित हैं। इनमें सर्वाधिक प्रचलित वीरवति की है। कहा जाता है कि  वीरवती सात भाईयों की अकेली बहन थी। उसका विवाह भी सभी ने धूम-धाम से किया। वीरवति ने पहली बार करवा चौथ का व्रत अपने मायके यानी पिता के घर रखा। सुबह से बहन को भूखा देख भाई दुखी हो गए। सभी ने मिलकर पीपल के पेड़ में एक अक्स बनायाए जिससे लगता था कि चंद्रमा उदय हो रहा है। 

वीरवती ने उसे चंद्रमा समझा और व्रत खोल दिया। इससे उसका व्रत खंडित हो गया और करवा माता कुपित हो गईं। जैसे ही खाने का पहला कौर मुंह में रखाए उसे नौकर से संदेश मिला कि पति की मौत हो गई है। वीरवती बहुत दुखी हुई और उसने माता से इसका कारण पूछा। जिसके बाद उसके सामने देवी प्रकट हुईं और दुख की वजह पूछी। देवी ने उसे सब बताया। भाईयों ने उससे माफी मांगी, इसके बाद देवी मां ने उसे फिर व्रत रखने कहा। कहा जाता है कि लंबे तप के बाद उसे माता ने वरदान दिया जिसके बाद वीरवति का पति पुनः जीवित हुआ। 

पूजन-विधि 

  • महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठकर सर्गी खाएं। यह खाना आमतौर पर उनकी सास बनाती हैं। 
  • इसे खाने के बाद महिलाएं पूरे दिन भूखी-प्यासी रहती है। 
  • पूजन के लिए कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं, जिनमें मिष्ठान भी होता है। 
  • दिन में शिव, पार्वती और कार्तिक की पूजा की जाती है। शाम को देवी की पूजा होती है, जिसमें पति की लंबी उम्र की कामना की जाती है। 
  • चंद्रमा दिखने पर महिलाएं छलनी से पति और चंद्रमा की छवि देखती हैं। पति इसके बाद पत्नी को पानी पिलाकर व्रत खुलवाता है। 

पूजन मुहूर्त 

करवा चौथ पूजा का मुहूर्त शाम 6 बजकर 16 मिनट से शाम 7 बजकर 30 मिनट तक है। करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 40 मिनट है। 

Created On :   3 Oct 2017 10:17 AM IST

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