जानिए कैसे उत्तर से दक्षिण तक एक सीध में बनाए गए हैं शिव मंदिर?

डिजिटल डेस्क । भारत देश संस्कृति, आस्था और चमत्कारों से भरा हुआ है। हमारे देश को शायद बाहरी देश अंधविश्वासी समझते हैं। लोगों का भगवान के लिए त्याग करना, पेड़ में भगवान को ढूंढना और पत्थर को ईश्वर की रह पूजना बेहद अजीब लगता है, लेकिन कई बार साइंस ने भी भारतीय आस्था को प्रमाणित किया है। भारत में कई ऐसे मंदिर है जहां लोग सिर्फ इसलिए जाते हैं क्योंकि उन्हें वहां भगवान के होने का अनुभव हुआ हैं। पौराणिक कथाओं को जब हम सुनते है तो लगता है कि ये सिर्फ कथा है, लेकिन कुछ कथाओं के ऐसे प्रमाण मिले है जिन्हें आज भी चमत्कार समझा जाता है। आज विज्ञान भले ही कितने उन्नत होने का दावा करे, लेकिन भारत के ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म ने जिस ऊंचाइंयों को छुआ है, उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता है। इसकी मिसाल है एक हजार साल से भी पुराने ये 5 शिव मंदिर, जो एक दूसरे से 500 से 600 किमी दूर स्थित हैं। मगर, उनकी देशांतर रेखा एक ही है। सीधी भाषा में कहें, तो सभी मंदिर एक सीध में स्थापित हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या प्राचीन हिंदू ऋषियों के पास कोई ऐसी तकनीक थी, जिसके माध्यम से उन्होंने भौगोलिक अक्ष को मापा और इन सभी शिव मंदिरों को एक सीधी रेखा पर बनाया गया।
ये मुमकिन है, क्योंकि बिना किसी माप प्रणाली के इन मंदिरों को एक सीधी रेखा में बनाना संभव नहीं है, खासतौर पर तब जबकि वो एक दूसरे से सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। ये सभी मंदिर भौगोलिक दृष्टि से 79°E,41’,54” देशांतर रेखा पर स्थित हैं। ये साबित करता है कि वर्तमान विज्ञान जिस पर हमें गर्व है, प्राचीन योगिक विज्ञान का 10% भी नहीं है। क्या आप जानते हैं कौन से शिव मंदिर हैं ये।

रामेश्वरम् दक्षिण भारत के तट पर स्थित एक द्वीप-शहर है जो हिंदुओं का पवित्र तीर्थ भी है। उत्तर भारत में काशी (वाराणसी या बनारस) की जो मान्यता है, वही दक्षिण में रामेश्वरम् की है। धार्मिक हिंदुओं के लिए वहां की यात्रा उतना की महत्व रखती है, जितना कि काशी का। भौगोलिक दृष्टि से (9.2881°N, 79.317) देशांतर रेखा पर स्थित हैं। रामेश्वरम् मद्रास से कोई 600 किमी दक्षिण में है। रामेश्वरम् एक सुन्दर टापू है। हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी इसको चारों ओर से घेरे हुए है। यहाँ पर रामायण से संबंधित अन्य धार्मिक स्थल भी हैं।

चिदंबरम मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक हिन्दू मंदिर है जो मंदिरों की नगरी चिदंबरम के मध्य में, पौंडीचेरी से दक्षिण की ओर 78 किलोमीटर की दूरी पर और कुड्डालोर जिले के उत्तर की ओर 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, कुड्डालोर जिला दक्षिणपूर्वीय राज्य तमिलनाडु का पूर्व-मध्य भाग है। यह मन्दिर भौगोलिक दृष्टि से (11.39°N, 79.69) देशांतर रेखा पर स्थित हैं। संगम क्लासिक्स विडूवेल्वीडुगु पेरुमटक्कन के पारंपरिक विश्वकर्माओं के एक सम्माननीय खानदान की ओर संकेत करता है जो मंदिर पुनर्निर्माण के प्रमुख वास्तुकार थे। मंदिर के इतिहास में कई जीर्णोद्धार हुए हैं। विशेषतः पल्लव/चोल शासकों के द्वारा प्राचीन एवम पूर्व मध्ययुगीन काल के दौरान।

काँचीपुरम के सैकड़ों मंदिरों में से सबसे वृहद एकाम्बरेश्वर का शिव मन्दिर है जो शहर के उत्तर दिशा में स्थित है। बस्ती में स्थित 108 शिव मंदिरों में भी यह अग्रणी है। कई जगह इसे एकाम्बरनाथ भी कहा गया है। यह मन्दिर भौगोलिक दृष्टि से (12.94° N, 79.69) देशांतर रेखा पर स्थित हैं। यह मन्दिर 23 एकड़ में फैला हुआ है तथा इसके गोपुरम की ऊँचाई 194 फीट है। इस कारण यह गोपुरम एक अलग श्रेणी में रखा जाता है। दक्षिण भारत में पंच तत्वों यथा अग्नि रुप में, जल रुप में, आकाश का बोध कराती, वायु का एहसास दिलाती और पृथ्वी को इंगित करती शिव लिंगों की अवधारणा अलग अलग पाँच जगहों में मिलती हैं। एकाम्बरेश्वर में पृथ्वी तत्व मिट्टी से बने लिंग से परिलक्षित होता है। अतः ये मन्दिर यहाँ अपूर्व श्रद्धा का केन्द्र है।

जंगलों से घिरा यह खूबसूरत स्थान करीमनगर से 130 किलोमीटर दूर है। यहां का मुक्तेश्वरा स्वामी को समर्पित प्राचीन मंदिर अपने अनोखेपन के कारण भक्तों को आकर्षित करता है। यह मन्दिर भौगोलिक दृष्टि से (18.799° N, 79.90 ) देशांतर रेखा पर स्थित हैं। यहीं एकमात्र मंदिर है जहां एक ही आधार पर दो शिवलिंग मिलते हैं। बहुत से मंदिरों में से एक मंदिर ब्रह्मा जी को भी समर्पित है जो एक अद्भुत बात है।

केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। ये समुद्र तल से 11,500 फीट की उंचाई पर मंदाकिनी नदी के पास स्थित है। ये मन्दिर भौगोलिक दृष्टि से (30.7352° N, 79.096) देशांतर रेखा पर स्थित हैं। केदारनाथ भारत में हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। देश के अलग अलग कोने से भक्त हर साल यहां अप्रैल के महीने में भगवान के दर्शन के लिए आते हैं।
Created On :   5 Aug 2018 12:24 PM IST