जानिए ॐ मंत्र का जप करने के आश्चर्यजनक प्रभाव

Know the Surprising Effects of Chanting Om Mantra
जानिए ॐ मंत्र का जप करने के आश्चर्यजनक प्रभाव
जानिए ॐ मंत्र का जप करने के आश्चर्यजनक प्रभाव

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार एक छोटा सा शब्द है पर इसमें पूरा संसार बसा हुआ है, पूरा ब्रम्हांड इस एक छोटे से में ही समाया हुआ है। के बिना हर मंत्र अधूरा है। के बिना हर पूजा निष्फल मानी जाती है। केवल इस एक शब्द के किसी मंत्र के आगे जुड़ जाने से उसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है।

शास्त्रों के अनुसार शब्द का नियमित जाप करते रहने से व्यक्ति ब्रह्मांड की शक्तियों को प्राप्त करता है। इतना ही नहीं, उसके जीवन के सभी दुख, रोग समाप्त हो जाते हैं। वैज्ञानिकों ने भी माना है कि का जाप करने से मानसिक तनाव में कमी आती है। का जाप करने के कुछ नियम होते हैं। जिन्हें अपनाने से इसका लाभ अवश्य रूप से मिलता है। 
 


 का जाप किसी शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिे क्योंकि केवल एक शब्द ना होकर एक ध्वनि का काम करता है। इस शब्द का जाप करते समय जिस ध्वनि का उद्भव होता है उसी के कारण हमें विभिन्न लाभ प्राप्त होते हैं। इसलिए जब भी का जाप करें तो एक शांत स्थान का चयन ही करें। कोई ऐसी जगह जहां दूर तक कोई ना हो, खुली हवा आए, शांत वातावरण हो और आप प्रकृति को करीब से महसूस कर सकें। किसी गार्डन, मैदान या खुली छत जैसा स्थान सर्वश्रेष्ठ है।

शास्त्रों के अनुसार दिन के चौबीस घंटों में से कुछ घंटों का समय ऐसा होता है जब ईश्वरीय शक्ति अपने चरम पर होती है। इस समय में किया गया जप, पाठ, अराधना अधिक फलित होता है। इसलिए सुबह जल्दी और रात को सोने से पहले का जाप करना अधिक फलदायी होता है।

का जाप एक साधना है। शब्द को केवल धर्म से ना जोड़कर साधना के रूप में भी जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने भी माना है कि का जाप करना एक प्रकार का ध्यान है जिसकी बदौलत मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ती है। धर्म से दूर इस शब्द का प्रयोग हर कोई कर सकता है। 
 


का उच्चारण करते समय आपकी आवाज कितनी तेज़ और धीमी है, इससे भी लाभ मिलता है। शास्त्रों के अनुसार शब्द को जितने ऊंचे स्वर में और गहराई से उच्चारित किया जाएगा उतना ही अधिक फलदायी होता है।

ॐ  का जाप करने का आसान तरीका

जमीन पर आसन बिछाकर पद्मासन में बैठें और आंखें बंद कर लें। 
जिस जगह पर आप बैठे हों वहां आसपास कोई शोर गुल ना हो। 
अब जितना संभव हो सांस खींचें और फिर पेट से की आवाज़ को निकालते हुए सांस छोड़ते चले जाएं। 

Created On :   2 May 2018 2:16 PM IST

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