भगवान रामचन्द्र का जन्मोत्सव, शुभ मुहूर्त में करें पूजा

Lord Ramchandras birth anniversary, do auspicious muhurta to worship
भगवान रामचन्द्र का जन्मोत्सव, शुभ मुहूर्त में करें पूजा
भगवान रामचन्द्र का जन्मोत्सव, शुभ मुहूर्त में करें पूजा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का पर्व मनाया जाता है। भगवान रामचन्द्रजी के जन्मोत्सव को ही रामनवमी के रूप में हर साल मनाया जाता है। भगवान श्री राम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ के घर हुआ था। श्री राम का जन्म पुनर्वसु नक्षत्र व कर्क लग्न में हुआ था। ग्रहों की दशा के अनुसार भगवान राम ने मेष राशि में जन्म लिया जिस पर सूर्य एवं अन्य पांच ग्रहों की शुभ दृष्टि पड़ रही थी। इस पर्व को पूरे भारतवर्ष में उत्सव के रूप में मनाया जाता है। तो वहीं राम जन्मभूमि अयोध्या में राम जन्म का यह उत्सव खास उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन यहां मेलों का आयोजन भी होता है।
 

शुभ मुहूर्त 

इस वर्ष अष्टमी और नवमी तिथि एकसाथ मनाई जा रही है। सुबह 8 बजकर 3 मिनट के बाद नवमी तिथि लग जाएगी और 2 बजकर 21 मिनट से पुनर्वसु नक्षत्र उदित होगा जिससे रामनवमी का पूजन करने के लिए 2 बजकर 21 मिनट के बाद का समय बहुत ही उत्तम रहेगा।
 

रामनवमी पूजा मुहूर्त - 11:14 से 13:40 बजे
नवमी तिथि आरंभ - 08:03 बजे,  25 मार्च 2018
पुनर्वसु नक्षत्र - 02:21 बजे, 25 मार्च 2018
नवमी तिथि समाप्त - 05:26 बजे, 26 मार्च 2018

 

रामनवमी व्रत और पूजा विधि

हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए रामनवमी बहुत ही शुभ दिन होता है। माना जाता है कि सभी प्रकार के मांगलिक कार्य इस दिन बिना मुहूर्त विचार किये भी संपन्न किये जा सकते हैं। रामनवमी पर पारिवारिक सुख शांति और समृद्धि के लिये व्रत भी रखा जाता है। रामनवमी पर पूजा के लिये पूजा सामग्री में रोली, चावल, स्वच्छ जल, फूल, घंटी, शंख आदि लिया जा सकता है। भगवान राम और माता सीता व लक्ष्मण की मूर्तियों पर जल, रोली और मुट्ठी भरकर चावल चढायें। फिर भगवान राम की आरती, रामचालीसा या राम स्त्रोतम का पाठ करें। आरती के बाद पवित्र जल को आरती में सम्मिलत सभी जनों पर छिड़कें। अपनी आर्थिक क्षमता व श्रद्धानुसार दान-पुण्य भी अवश्य करना चाहिये। रामनवमी के दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई कर स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प करना चाहिये। जिस समय व्रत कथा सुनें उस समय हाथ में गेंहू या बाजरा आदि अन्न के दाने रखें। घर, पूजाघर या मंदिर को ध्वजा, पताका, बंदनवार आदि से सजाया भी जा सकता है।

Created On :   24 March 2018 8:04 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story