मृत्यु को टालने में मददगार है महामृत्युंजय यंत्र

डिजिटल डेस्क। महामृत्युंजय यंत्र को सिद्ध कर अपने पाप को समाप्त कर पुण्य लाभ में परिवर्तन किया जा सकता हे घटना,दुर्घटना यहाँ तक की मृत्यु तुल्य कष्टों को और संभवतः मृत्यु तक को टालने में सक्षम है। महामृत्युंजय यंत्र और मंत्र का मिश्रण ये प्रयोग हमेशा सफलता प्रदान करता आया है। आइए समझें कुछ बातें महामृतुन्जय यंत्र और मन्त्र के बारे में... भगवान शिव के अनेक नामों में से महामृत्युंजय भी एक नाम है, जिसका शाब्दिक अर्थ है मृत्यु को भी जय कर लेने वाला अर्थात मृत्यु को जीत लेने वाला और इसी के अनुसार भगवान शिव के श्री महामृत्युंजय मंत्र को भी मृत्यु को जीत लेने वाले मंत्र के रूप में जाना जाता है तथा अनके वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि श्री महामृत्युंजय मंत्र के एक निश्चित जाप से की जाने वाली पूजा के फलस्वरूप आसमयिक आने वाली मृत्यु अथवा मृत्यु स्वरूप कष्टों को टाला जा सकता है।
वैदिक ज्योतिष ने श्री महामृत्युंजय यंत्र का प्रयोग भी अनेक प्रकार के कष्टों एवं बाधाओं को दूर करने के लिए बार बार किया है तथा आज भी वैदिक ज्योतिष में इस यंत्र के प्रयोग का बहुत चलन है। इस यंत्र के सफल प्रयोग से बहुत से जातक अनेक प्रकार की गंभीर से गंभीर समस्याओं से छुटकारा प्राप्त करते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार श्री महामृत्युंजय यंत्र का प्रयोग असामयिक आने वाले मृत्यु को टालने के लिए, लंबी आयु के लिए, स्वास्थ्य के लिए और गंभीर कष्टों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।
इसके अतिरिक्त श्री महामृत्युंजय यंत्र का प्रयोग कुंडली मिलान के समय बनने वाले दोषों जैसे कि नाड़ी दोष, भकूट दोष, गण दोष आदि जैसे दोषों के निवारण के लिए भी किया जाता है तथा अधिकतर वैदिक ज्योतिषी ये मानते हैं कि विधिवत रूप से बनाये गये श्री महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना करने से तथा इसकी नियमित पूजा करने से कुंडली मिलान के समय बनने वाले दोषों का निवारण हो जाता है।
ध्यान देने योग्य बात
श्री महामृत्युंजय यंत्र को स्थापित करने से प्राप्त होने वाले लाभ किसी जातक को पूर्ण रूप से तभी प्राप्त हो सकते हैं, जब जातक द्वारा स्थापित किया जाने वाला श्री महामृत्युंजय यंत्र शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा तथा उर्जा संग्रह की प्रक्रियाओं के माध्यम से विधिवत बनाया गया हो। विधिवत न बनाए गए श्री महामृत्युंजय यंत्र को स्थापित करना कोई विशेष लाभ प्रदान करने में सक्षम नहीं होता।
शुद्धिकरण के पश्चात श्री महामृत्युंजय यंत्र को भगवान शिव के श्री महामृत्युंजय मंत्रो की सहायता से एक विशेष विधि के माध्यम से उर्जा प्रदान की जाती है जो श्री महामृत्युंजय भगवान शिव की शुभ उर्जा के रूप में इस यंत्र में संग्रहित हो जाती है। किसी भी श्री महामृत्युंजय यंत्र की वास्तविक शक्ति इस यंत्र को श्री महामृत्युंजय मंत्रो द्वारा प्रदान की गई शक्ति के अनुपात में ही होती है तथा इस प्रकार जितने अधिक मंत्रों की शक्ति के साथ किसी श्री महामृत्युंजय यंत्र को उर्जा प्रदान की गई हो, उतना ही वह श्री महामृत्युंजय यंत्र शक्तिशाली होगा।
अनेक प्रकार के जातकों की कुंडली के आधार पर तथा उनके द्वारा इच्छित फलों के आधार पर श्री महामृत्युंजय यंत्र को उर्जा प्रदान करने वाले मंत्रों की संख्या अलग-अलग जातकों के लिए अलग-अलग हो सकती है तथा मुख्य रूप से यह संख्या 5100 से लेकर 125,000 श्री महामृत्युंजय मंत्र के जाप तक होती है जिसके कारण देखने में एक से ही लगने वाले विभिन्न श्री महामृत्युंजय यंत्रों की शक्ति तथा मूल्य में बहुत अंतर हो सकता है।
किसी भी श्री महामृत्युंजय यंत्र को अपने जातक को लाभ प्रदान करने के लिए कम से कम 5100 या 11,000 श्री महामृत्युंजय मंत्रों की सहायता से उर्जा प्रदान अवश्य की जानी चाहिए। इससे कम मंत्रों का जाप द्वारा बनाया गया श्री महामृत्युंजय यंत्र का कोई विशेष फल प्रदान करने में सक्षम नहीं होता।
कैसा होता है महामृत्युंजय यंत्र
- उर्जा रहित श्री महामृत्युंजय यंत्र धातु के एक टुकड़े के समान ही होता है, जिसे 50 रूपये के मूल्य में प्राप्त किया जा सकता है। श्री महामृत्युंजय यंत्र को विधिवत बनाने की प्रक्रिया में इस यंत्र को उर्जा प्रदान करने वाला चरण सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
- यदि उर्जा संग्रहित करने की इस प्रक्रिया को यदि विधिवत तथा उचित प्रकार से न किया जाए अर्थात यदि किसी श्री महामृत्युंजय यंत्र को उर्जा प्रदान करने के लिए श्री महामृत्युंजय मंत्रों का जाप किया ही न जाए अथवा यह जाप 100 या 200 श्री महामृत्युंजय मंत्रों का हो तो ऐसा श्री महामृत्युंजय यंत्र किसी जातक को या तो कोई विशेष फल प्रदान करने में सक्षम नहीं होगा या फिर ऐसा श्री महामृत्युंजय यंत्र कोई भी फल प्रदान नहीं करेगा। इसलिए किसी भी श्री महामृत्युंजय यंत्र के भली प्रकार से कार्य करने तथा जातक को लाभ प्रदान करने के लिए इस यंत्र को विधिवत बनाया जाना अति आवश्यक है।
- उर्जा प्रदान करने के अतिरिक्त प्रत्येक श्री महामृत्युंजय यंत्र को विशिष्ट वैदिक विधियों के माध्यम से शुद्धिकरण, किसी व्यक्ति विशेष को ही अपने शुभ फल प्रदान करने की क्षमता प्रदान करने वाली प्रक्रिया से भी निकाला जाता है।
- अंत में इन विधियों के द्वारा बनाए गए श्री महामृत्युंजय यंत्र को विशिष्ट वैदिक विधियों के माध्यम से सक्रिय कर दिया जाता है जिससे ये यंत्र अपने फल देने में सक्षम हो जाता है।
- इसलिए अपने लिए श्री महामृत्युंजय यंत्र स्थापित करने से पहले सदा ये सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा स्थापित किया जाने वाला श्री महामृत्युंजय यंत्र उपरोक्त सभी प्रक्रियों में से निकलने के बाद विधिवत केवल आपके लिए ही बनाया गया है।
- विधिवत बनाया गया श्री महामृत्युंजय यंत्र प्राप्त करने के पश्चात आपको इसे अपने ज्योतिषि के परामर्श के अनुसार अपने घर में पूजा के स्थान में अपने बटुए में या अपने गले में धारण करना होता है।
- उत्तम फल की प्राप्ति के लिए श्री महामृत्युंजय यंत्र को सोमवार वाले दिन स्थापित करना चाहिए तथा घर में स्थापित करने की स्थिति में इसे पूजा के स्थान में स्थापित करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त आप अपने श्री महामृत्युंजय यंत्र को सोमवार के दिन ही अपने ज्योतिष के परामर्श अनुसार अपने बटुए मे या अपने गले में भी धारण कर सकते हैं।
Created On :   24 May 2018 10:43 AM IST