शनि जयंती आज, करें ये पांच उपाय, प्रसन्न होंगे शनिदेव
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आज शनि जयंती है। आज के दिन वट सावित्री व्रत एवं भोमवती अमावस्या और सर्वार्ध सिद्धि योग भी बन रहा है। शनि जयंती को लेकर धारणा है कि इसी दिन शनि देव का जन्म हुआ था। शनि जयंती को हर साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या को मनाया जाता है। माना जाता है कि शनि की टेढ़ी नजर आसान से आसान काम को बिगाड़ देती है। इसलिए इस दिन शनि देव की टेढ़ी नजर से बचने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पूजा का विधान है। यहां जानें शनि जयंती पर शनिदेव को प्रसन्न करने के कुछ खास उपाय।
ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न :-
माना जाता है कि शनि की कृपा मिलने पर गरीब भी मालामाल हो जाता है जबकि उनके कुपित होने का अर्थ है हर तरफ से दुख पाना। आपको जानकारी हो कि इन दिनों शनि वक्री चल रहे हैं। यानी नक्षत्रों में उनको जिस चाल में चलना चाहिए, उससे वो उल्टी चाल में हैं।
उनके वक्री होने का अर्थ है कि हर राशि पर इसका कुछ न कुछ प्रभाव पड़ेगा। शनि की उल्टी चाल 2018 में अक्षय तृतीया वाले दिन यानी 18 अप्रैल से शुरू हुई है। 2018 में शनि देव 142 दिन तक वक्री रहेंगे।
उनकी इस चाल का प्रभाव 6 सितंबर तक रहेगा। इसी बीच शनि जयंती आ रही है तो इस दिन शनि देव की पूरी विधि और श्रद्धा के साथ पूजा करनी चाहिए।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए 5 खास उपाय जो आपका भाग्य बदल सकते हैं -
- शनि जयंती के दिन काली गाय की सेवा करें। काली गाय को ढूंढ कर पहले उसके मस्तक पर तिलक लगाएं, फिर उसके सींगों पर कलावा बांधें। इसके बाद काली गाय की आरती करें और बूंदी के 4 लड्डू खिलाएं।
- भैरवजी की पूजा से शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनि जयंती के दिन शाम के समय काले तिल के तेल का दीपक भैरव जी के आगे जलाएं। इस उपाय से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
- पीपल के पेड़ की पूजा से शनि दोष दूर होते हैं। शाम को स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाएं। कच्चा दूध चढ़ाएं और साथ ही धूप दिखाएं।
- तीन बर्तनों में अलग-अलग जगह सवा किलो मतलब कुल पौने चार किलो(3.750g.) काले चने भिगो दें। इनको बिना प्याज के सरसों के तेल में छौंक लगाएं। शनि देव की पूजा कर इन चनों का भोग लगाएं। इनमें से पहला हिस्सा एक भैंसे को खिलाएं। दूसरा कुष्ठ रोग वालों को दें। तीसरे हिस्से को शनि दोष से पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से उतार कर सुनसान जगह पर छोड़ दें।
- शनि जयंती पर शनि यंत्र की स्थापना करें। इसके बाद रोजाना इस यंत्र का पूजन करें। इस पर नीले रंग का फूल अर्पित करने के बाद सरसों के तेल का दीया जलाएं।
- विशेष ध्यान रखें कि अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है तो आप मांस, शराब आदि के सेवन से दूर रहें। ये चीजें शनि देव और कुपित कर सकती हैं।
नोट:- शुद्धता का विशेष ध्यान रखें
Created On :   12 May 2018 11:16 AM IST