हस्तरेखा शास्त्र : हस्तरेखा से जानें भविष्य में होंगी कितनी संतान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भविष्य जानने के लिए हर कोई उत्सुक रहता है और इसे जानने के लिए अक्सर लोग ज्योतिष का सहारा भी लेते हैं। हस्तरेखा ज्योतिष में हाथों की रेखाओं से भविष्य देखा जाता है। आपके जीवन में आगे क्या होगा, कितनी आयु होगी, कितने बच्चे होंगे इन सारे सवालों के जवाब हमारे हाथों में छुपे होते हैं। हमारे हाथों में जो इतनी सारी रेखाएं होती हैं उन्हीं में हमारे इन सवालों के जवाब होते हैं।
यदि आपकी शादी हो गई है और आप संतान की इच्छा रखते हैं साथ ही ये जानने के इच्चुक हैं कि आपकी भविष्य में कितनी संतान होंगी, और वह कैसी होंगी तो हथेली में मौजूद रेखाओं की बनावट से इस बात को आप आसानी से जान सकते हैं।
कहां होती है संतान रेखा ?
हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार संतान रेखाएं ठीक विवाह रेखा के ऊपर होती हैं। बुध पर्वत यानि छोटी अंगुली के ठीक नीचे के भाग में विवाह रेखा होती है| वहीं मौजूद खड़ी रेखाएं संतान रेखा कहलाती हैं। संतान प्राप्ति के योगों को कई अन्य रेखाएं भी प्रभावित करती हैं जैसे मणिबंध रेखा, अंगुठे के नीचे पाई जाने वाली छोटी रेखा आदि।
कैसे पढ़ें संतान रेखा ?
- हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि संतान रेखा स्पष्ट होती है तो इसका अर्थ होता है कि आपकी संतान अच्छी और माता पिता का सम्मान करने वाली होगी।
- अगर संतान रेखा विवाह रेखा को काटती हुई दिखाई देती है तो संतान आचरणहीन, माता-पिता को कष्ट देने वाली होती हैं।
- यदि संतान रेखा अस्पष्ट और टूटी हुई होंगी तो इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा, और बच्चा हमेशा अस्वस्थ ही बना रहेगा।
- यदि हथेली में संतान रेखाएं लहरदार होंगी तो जातक की संतान दोषयुक्त हो सकती है।
- इसके अलावा संतान योग को मणिबंध रेखाएं भी प्रभावित करती हैं। यदि पहली मणिबंध रेखा का झुकाव कलाई की तरफ है और वह हथेली में प्रविष्ट होती दिखे तो इसका अर्थ होता है कि जातक को संतान प्राप्ति में दुख होंगे।
Created On :   9 May 2018 4:32 PM IST