हथेली की सूर्य रेखा है यश और वैभव का प्रतीक
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हमारी हथेली पर कई प्रकार की रेखाएं होती हैं। हस्त रेखा शास्त्र के अनुसार ये रेखाएं हमारे आने वाले भविष्य के बारे में बताती हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो हाथ हमारे भाग्य का दर्पण है। हाथों की लकीरों से से हमारे भाग्य के बारे में पता चलता है। हाथों की लकीरे वक्त और हमारे कर्मों के आधार पर बदलती भी हैं। हाथों की लकीरों में अहम होती है सूर्य रेखा, जो हमारे यश और कीर्ति को बढ़ाती है।
किसी भी व्यक्ति की हस्तरेखाओं के अवलोकन में सूर्य रेखा को बहुत महत्वपू्र्ण माना गया है। जैसे सूर्यदेव सौर मंडल के ग्रहों को अपने प्रकाश से प्रकाशित करते हैं उसी प्रकार सूर्य रेखा भी अपने तेज से किसी जातक के भाग्य को प्रबल बना सकती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कई बार लोग बड़ी-बड़ी खोजें और बेहद दुर्लभ कार्य कर जाते हैं लेकिन कोई उनकी तारीफ नहीं करता, कोई उन्हें नहीं पूछता, ऐसे व्यक्तियों के जीवन में कमी यश या सूर्य रेखा की वजह से होती है।
कहां होती है सूर्य रेखा ?
सूर्य रेखा अनामिक उंगली यानी रिंग फिंगर के निचले क्षेत्र में होती है, जो सूर्य पर्वत से शुरू होकर ऊपर की तरफ जाती है। सूर्य पर्वत से लेकर मणिबंध तक जाने वाली सूर्य रेखा को असाधारण माना जाता है। ऐसी रेखा कलाकारों, नेताओं या बड़े सितारों के हाथों में आसानी से देखी जाती है। कई लोगों के हाथों में यह रेखा होती ही नहीं है।
जानें सूर्य रेखा के बारे में विशेष बातें
- टूटी हुई सूर्य रेखा या हथेली पर सूर्य रेखा का ना होना अशुभ माना जाता है। हालांकि यह आम बात होती है क्योंकि जरूरी नहीं कि हर इंसान यश प्राप्त करें।
- कई बार तो बड़े-बड़े वैज्ञानिकों के हाथ में भी यह रेखा नहीं होती।
- जिन जातकों के हाथों में सूर्य रेखा ना हो उन्हें सूर्य देव का उपवास और सूर्य देवता को जल चढ़ाना चाहिए।
- इसके अलावा शिवलिंग पर जल चढ़ाने और पीली वस्तुओं का दान देने से भी लाभ होता है।
- यदि सूर्य रेखा परिणय रेखा की किसी शाखा या अंगूठे की तरफ जाए तो यह विवाह के बाद भाग्योदय के संकेत देता है।
Created On :   14 May 2018 1:51 PM IST