27 फरवरी को शिव पूजन का विशेष दिन, अपनाएं ये विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शंकर को प्रसन्न करने का विशेष दिन प्रदोष व्रत बताया गया है। यह हिंदू धर्म में शुभ एवं महत्वपूर्ण है। यह चंद्र मास के 13वें दिन अर्थात त्रयोदशी को मनाया जाता है। जो कि इस बार 27 फरवरी को है। प्रदोष व्रत धारण करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता हैं साथ ही उसे मोक्ष प्राप्त होता है। यहां हम आपको प्रदोष व्रत से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
इस बार मंगलवार का दिन
इस व्रत के संबंध में कहा जाता है कि जब कलियुग में चारों ओर अनाचार होगा। हर ओर अन्याय एवं अधर्म का वास होगा तब जो भी मनुष्य इस व्रत को धारण करेगा उसे पुण्य फलों की प्राप्ति होगी। इस बार यह मंगलवार को मनाया जाएगा। इसका फल दिन के अनुसार ही प्राप्त होता है। अतः इस बार इसे धारण करने से रोगों से मुक्ति एवं स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होगा।
व्रत की विधि
इस व्रत में आहार नही लिया जाता, पूरे दिन उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटे पहले स्नान आदि कर श्वेत वस्त्र धारण किए जाते हैं। पूजन स्थल को गंगाजल से साफ किया जाता है। इसके बाद इसे गोबर से लीपकर शुद्ध दिया जाता है। मंडप तैयार कर विधि-विधान से पूजन किया जाता है। पूजन के दौरान शिव मंत्रों का जाप सर्वाधिक उपयोगी बताया गया है।
त्रयोदशी तिथि पर ही उद्यापन
इस व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि पर ही करना चाहिए। विद्वान का मार्गदर्शन लेकर भोलेनाथ की आरती व परिवार में शांति एवं समृद्धि की प्रार्थना करना भी उत्तम होता है। शिव पूजन करने का लाभ मनुष्य को हर दिन ही प्राप्त होता है किंतु प्रदोष व्रत मोक्षदायी बताया गया है। इसे धारण करने वाले मनुष्य को मोह माया से छुटकारा मिलता है। वह जीवन काल में सुखों को प्राप्त करता है और अंतकाल में उसे भगवान भोलेनाथ की कृपा से मोक्ष प्राप्त होता है।
Created On :   21 Feb 2018 1:37 PM IST