माता सीता को मुंह दिखाई में मिला था ये अनोखा स्थान

डिजिटल डेस्क, अयोध्या। त्रेतायुग को लेकर अनेक तरह की मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। ऐसे अनेक स्थान हैं जो भगवान राम और माता सीता की महिमा का बखान करते हैं, किंतु यहां हम आपको जिस स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं वह माता सीता को मुंह दिखाई में उपहार स्वरूप मिला था। यह स्थान कनक भवन के नाम से प्रसिद्ध है।
सुंदरता से आत्मविभोर हो उठी
कनक भवन माता सीता को उपहार स्वरूप कैकयी ने दिया था। जब वे भगवान राम के साथ ब्याहकर अयोध्या आईं तो कैकयी उन्हें देखकर बहुत ही प्रसन्न हुई। उसने अपनी खुशी जाहिर करने के लिए देवी सीता को उपहार में कनक भवन दे दिया। इसका उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है। कहा जाता है कि जब देवी सीता को कैकयी ने देखा तो उनकी सुंदरता से आत्मविभोर हो उठी। ऐसा भी उल्लेख मिलता है कि कैकयी अपने सभी पुत्रों में भगवान राम को अधिक प्रेम करती थी, वह उनके सबसे अधिक प्रिय थे। जिसकी वजह से वह देवी सीता को भी अधिक प्रेम करती थी।
वर्तमान कनक भवन
वर्तमान में जो कनक भवन देखने मिलता है उसका निर्माण ओरछा के राजा सवाई महेन्द्र प्रताप सिंह की पत्नी महारानी वृषभानु कुंवरि ने स्वयं अपनी देखरेख में कराया था। 1891 में प्राचीन मूर्तियों की पुर्नस्थापना के साथ ही राम सीता की दो नये विग्रहों की भी प्राण प्रतिष्ठा भी उनके द्वारा ही कराई गई थी। यहां आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि ओरछा के राजा अब भै कि राजा राम ही माने जाते हैं। कहा जाता है कि प्रतिदिन संध्याकाल में यहां आते हैं और सुबह होते ही चले जाते हैं।
कनक भवन के गर्भगृह में वह स्थान है जहां भगवान राम शयन किया करते थे। पास ही आठ सखियों के कुंज भी स्थापित किए गए हैं। ये सभी भगवान की क्रीड़ा के लिए प्रबंधन किया करती थीं।
Created On :   4 Feb 2018 9:40 AM IST