रमा एकादशी आज, ये है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, जानें इस व्रत की कथा

रमा एकादशी आज, ये है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, जानें इस व्रत की कथा
रमा एकादशी आज, ये है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, जानें इस व्रत की कथा
रमा एकादशी आज, ये है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, जानें इस व्रत की कथा

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। एकादशी का शास्‍त्रों में बड़ा महत्व है। इस एकादशी का महत्व इसल‌िए भी अध‌िक है। मान्यता है कि अगर मां लक्ष्मी की पूजा भगवान विष्‍णु के बगैर की जाती है तो पूजा का फल नहीं मिलता। दिवाली पर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का स‌िलस‌िला कार्त‌िक कृष्‍ण एकादशी के द‌िन से शुरू हो जाता है। कहा जाता है कि एकादशी का व्रत करने से पूर्वजन्म के पापों से छुटकारा मिलता है एवं मनुष्य उत्तम लोक की प्राप्ति करता है। देवी लक्ष्मी का एक अन्य नाम रमा भी है जिसकी वजह से इस एकादशी को रमा एकादशी कहा जाता है।  इस वर्ष यह 15 अक्टूबर 2017 रविवार अर्थात आज मनाई जा रही है।

पूजा विधि

1. इस व्रत में तुलसी की पूजा और भगवान  विष्णु को तुलसी पत्ता अर्पित  करना चाहिए।
2. जो व्यक्ति यह व्रत नहीं भी रखते वो भी इस दिन ‌विष्णु जी को तुलसी का पत्ता अर्पित करेंगे तो उन्हें भी पुण्य मिलता है। 
3. भगवान व‌िष्‍णु को तुलसी एवं देवी लक्ष्मी की लाल पुष्प से पूजा करनी चाह‌िए।
4. अगले द‌‌िन द्वादशी को ब्राह्मण को भोजन करवाकर स्वयं भोजन करना चाह‌िए।

व्रत कथा 

रमा एकादशी की व्रत कथा भी अत्यंत ही रोचक बताई गई है। कहा जाता है कि एक बार राजकुमार चन्द्रसेन अपने ससुराल गए। जहां उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को एकादशी का व्रत करते हुए देखा। इस पर उन्होंने भी व्रत धारण कर लिया। लेकिन व्रत सहन नहीं होने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। एकादशी के व्रत का पुण्य तब तक उन्हें प्राप्त हो चुका था अतः इन्हें अप्सराओं के साथ सुंदर नगरी में रहने का अवसर म‌िला। वहीं पत‌ि की मृत्यु से दुखी होकर इनकी पत्नी भगवान व‌िष्‍णु की उपासना में लीन रहने लगी।

 

एक द‌िन चन्द्रसेन की पत्‍नी चंद्रभागा को भगवान विष्णु के प्रताप से ये पता चला कि व्रत के पुण्य से पति को उत्तम स्थान प्राप्त हुआ है, लेकिन पुण्य की कमी से उनके पास ये ज्यादा दिन नही रहेगा। चंद्रभागा ने ऋष‌ि वामदेव की सहायता से अपने पुण्य का कुछ भाग अपने पत‌ि को दे द‌िया और स्वयं भी पत‌ि के पास पहुंच गई।

एकादशी 2017 का शुभ मुहूर्त

-रविवार से दोपहर 2 बजकर 3 मिनट से प्रारंभ
-16 अक्टूबर 1 बजकर 5 मिनट तक 

Created On :   11 Oct 2017 9:58 AM IST

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