करा देते हैं विच्छेद, ये ग्रह बनते हैं विवाह में विलंब के कारक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फरवरी माह में सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त हैं। गणपति बप्पा की कृपा से इस माह सबसे ज्यादा मंगल धुन सुनाई देगी, किंतु अनेक बार योग्य युवक-युवतियों के विवाह में विलंब हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसका मुख्य कारण कुंडली में ग्रहों की स्थिति बतायी जाती है। मंगल, शनि, सूर्य,राहू और केतु को विवाह में विलंब का प्रमुख कारक माने जाते हैं। कई बार जातकों को इसके बारे में पता नही होता, किंतु विद्वानों या ज्योतिष का ज्ञान रखने वालों को कुंडली दिखाने पर इसका ज्ञान होता है। हालांकि इनके निवारण भी संभव है।
कुंडली में है ऐसी स्थिति
बृहस्पति और शुक्र के कमजोर स्थिति में होने से विवाह में विलंब होता है। अच्छे रिश्ते मिलने के बाद भी अनेक बार विवाह संपन्न नही हो पाता। इसके अतिरिक्त चंद्र और शुक्र साथ में होने पर उनके सप्तम में मंगल और शनि विराजमान हो तब भी विवाह में बाधा आती है। शनि और सूर्य के कुंडली में पारस्परिक संबंध रखने पर भी विवाह समय पर संपन्न नही हो पाता।
यह ग्रह करा देता है विवाह विच्छेद
यदि कुंडली में शनि व सूर्य पारस्परिक संबंध रखते हों और लग्न या सप्तम भाव प्रभावित हो रहा है तब ऐसी स्थिति भी विवाह में बाधाएं उत्पन्न करवाती है। विवाह में सबसे ज्यादा विलंब का कारक मंगल ग्रह को माना गया है। यदि इस ग्रह से पीड़ित जातक किसी तरह वैवाहिक जीवन में बंध भी जाते हैं तो उनके जीवन में वैवाहिक खुशियां दस्तक नही दे पातीं। इनके विवाह विच्छेद होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं। ऐसे जातकों को सर्वप्रथम इसका निवारण करना आवश्यक है।
विशेषज्ञ का मार्गदर्शन में लें जानकारी
ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह दोष के निवारण के भी उपाय बताए गए हैं। यदि आप यह जानते हैं कि आप किस ग्रह की कौन सी स्थिति या दोष से पीड़ित हैं तो किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में इसका उपाय कराएं। यदि आपके किसी संबंधी या फिर संतान के विवाह में किसी न किसी कारण से विलंब हो रहा है तो भी विशेषज्ञ का मार्गदर्शन आवश्यक है।

Created On :   3 Feb 2018 9:36 AM IST