श्रावण मास : 50 साल के बाद 10 जुलाई सोमवार को बन रहा दुर्लभ संयोग

डिजिटल डेस्क, भोपाल. चातुर्मास में गुरुपूर्णिमा के अगले दिन से श्रावण मास की शुरुआत होती है। इस बार यह 10 जुलाई से प्रारंभ हो रहे है। श्रावण मास की शुरूआत सोमवार से ही हो रही है और समापन भी सोमवार ही होगा। यह शुभ संयोग करीब 50 साल बाद पड़ रहा है जो अपने आप में बेहद शुभ है।
श्रावण मास भगवान शिव का प्रिय मास होता है, जिसमें वह संसार के संचालन का दायित्व संभालते हैं। इस माह में भगवान शिव की पूजा विशेष लाभकारी मानी जाती है। भगवान शिव औघड़दानी हैं जो कि बिना मांगे अपने भक्तों को सब कुछ प्रदान कर देते हैं। इनकी पूजा में कोई विशेष सामग्री की आवश्यकता नही होती।
पूजन में चढ़ाएं
ज्योतिषविद् पं.अरविंद कुमार के अनुसार शिव की पूजा में उन चीजों को चढ़ाया जाता है जिन्हें किसी देवी-देवताओं को अर्पित भी नहीं किया जाता। जिनमें बिल्व पत्र, आंक के फूल, धतूरा जैसी चीजें चढ़ाई जाती हैं।
इन्होंने भी की पूजा
भगवान परशुराम, श्रीराम, त्रिदेव, गुरू बृहस्पति, राक्षसों के गुरू शुक्राचार्य आदि ने भी भगवान शिव की पूजा की है। भगवान शिव तंत्र के रचेयता हैं। तंत्र के दो प्रमुख ग्रंथ रुद्रयमल और विष्णु यमल में विभिन्न देवी देवताओं से जुडे़ मंत्र, यंत्र के बारे में जानकारियां मिलती हैं श्रावण मास के दौरान आम जन यदि भगवान शिव का स्मरण भी करता है तो भी ईश्वर की अनुकंपा प्राप्त होती हैं।
खास-खास
- 10 जुलाई से प्रारंभ
- 5 सोमवार
- लगातार 3 सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग
- इस श्रावण मास की शुरुआत और अंत सोमवार को ही
- श्रावण पूर्णिमा रक्षाबंधन के दिन 7 अगस्त को समापन
- रक्षाबंधन के दिन आंशिक चंद्रग्रहण
- रक्षाबंधन पर पडे़गी भद्रा
Created On :   8 July 2017 1:41 PM IST