शाकंभरी नवरात्रि आज से प्रारम्भ, इस मंत्र से करें देवी को प्रसन्न

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुप्त नवरात्रि के समान ही शाकंभरी नवरात्रि का भी बड़ा महत्व है। शाकंभरी देवी मां दुर्गा के अवतारों में से एक मानी गई हैं। पौष माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक शाकंभरी नवरात्रि मनायी जाती है। इस वर्ष यह 26 दिसंबर 2017 मंगलवार से प्रारंभ हो गयीं। यह 2 जनवरी तक को समाप्त होंगी।
पूजा व साधना
ये दिन साधना के बताए गए हैं। इन दिनों माता अन्नपूर्णा की पूजा व साधना की जाती है। मां शाकंभरी को वनस्पति की देवी माना जाता है। यह दिन तंत्र मंत्र और साधना के लिए भी उर्पयुक्त माना जाता है। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि मां शाकंभरी ने अपने शरीर से उत्पन्न सब्जियों, फल आदि से संसार का पोषण किया था। इसी कारण वे शाकंभरी के नाम से जानी गईं।
लगातार नौ दिनों तक रोती रहीं माता शताक्षी
माता शाकंभरी की हजार नेत्र होने की वजह से इन्हें शताक्षी भी कहा जाता है। पुराणों में वर्णित है कि मां शक्ति के इस स्वरूप में तब अवतार धारण किया, जब दानवों ने संसार में इतना उत्पात मचाया कि अकाल पड़ गया। जब माता ने शाकंभरी रूप धारण किया तो उनके एक हजार नेत्र थे। ऐसी मान्यता है कि भक्तों की दयनीय स्थिति देखकर माता लगातार नौ दिनों तक रोती रहीं। उनके आंसुओं से ही सृष्टि का अकाल दूर हुआ और हर ओर हरियाली देखने मिलने लगी।
कच्ची सब्जी, फल और जल का दान
शाकंभरी नवरात्र के अवसर पर गरीबों को दान करने के महत्व है। खासकर कच्ची सब्जी, फल और जल का दान। इसे अत्यधिक पुण्यकारी माना गया है। कहा जाता है कि इससे माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की पुकार सुनती हैं।
करें इस मंत्र का जाप
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भगवति अन्नपूर्णे नम:।।
नाै दिनों तक इस मंत्र का जाप करके आप माता शाकंभरी को आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं। उनकी कृपा से घर धन व अन्न से सदा भरा रहता है।
Created On :   24 Dec 2017 8:21 AM IST