विशेष काल की 9 रातें, इन दिनों रात्रि पूजन से मिलती हैं विशेष शक्तियां...

Shakambhari navratri start 2017, puja vidhi vrat for the night
विशेष काल की 9 रातें, इन दिनों रात्रि पूजन से मिलती हैं विशेष शक्तियां...
विशेष काल की 9 रातें, इन दिनों रात्रि पूजन से मिलती हैं विशेष शक्तियां...


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रात्रि काल में पूजन का विशेष मुहूर्त प्रारंभ हो गया है। इन दिनों में रात्रि में विधि-विधान से पूजन करने से अभीष्ट सिद्धि प्राप्त होती है। इन विशेष मुहूर्तों का सालभर इंतजार किया जाता है। तांत्रिकों के लिए तो ये काल सर्वाधिक उत्तम और बरसों के तप का फल देने वाला माना गया है। 26 दिसंबर से प्रारंभ शाकंभरी नवरात्रि प्रारंभ हो गए हैं, जो 2 जनवरी तक चलेंगे। इन नौ दिनों में देवी की रात्रिकालीन विशेष पूजन का महत्व है। 

 

विधि-विधान से उपासना 

दरअसल, शाकंभरी देवी को 10 महाविद्याओं में से एक माना गया है। विद्वानों के अनुसार नवरात्रि के इन दिनों में देवी की विधि-विधान से उपासना करने पर मंत्र सिद्ध होते हैं और अभीष्ट फल मिलते हैं। यदि माता प्रसन्न हो जाए तो घर धन-धान्य से भर देती हैं। इन्हें शाक की देवी अर्थात शाक-सब्जियों की देवी भी कहा जाता है। इनके पूजन में विशेष रूप से हर तरह की हरी-सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए। फल, कंदमूल इन्हें प्रसन्नता प्रदान करते हैं। इनके प्रसाद में भी शाक-सब्जियों काे ही बांटने का महत्व है। मां शाकंभरी मां शक्ति का ही स्वरूप हैं अतः इनके एक हजार नेत्र जहां मानवों का पालन करते हैं वहीं दुष्टों का संहार भी करते हैं।

 

नए साधकों के लिए पूजन का अच्छा मुहूर्त 

शास्त्रों में मंत्र साधना के लिए इसे विशेष माना गया है। साधु-संतों और नए साधकों के लिए पूजन का इससे अच्छा मुहूर्त और अवसर दूसरा नही हो सकता, क्योंकि ऐसा भी उल्लेख मिलता है कि थोड़ी सी साधना में ही ये देवी विशेष फल प्रदान करती हैं। इन दिनों साधक गुप्त सिद्धियां अर्जित करने का भी प्रयास करते हैं। मंत्र सिद्धि के माध्यम से वे स्वयं भी गुप्त शक्तियों में वृद्धि करते हैं। 


इस विधि से करें आराधना
-माता का आह्वान पूरे नौ रात्रि
-दुर्गा सप्तशती का पाठ
- बीज मंत्र का जप
-देवी भागवत का परायण एवं श्रवण

Created On :   26 Dec 2017 8:24 AM IST

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