- दिल्ली हिंसा को लेकर अब तक कुल 22 केस दर्ज, एफआईआर में कई किसान नेताओं का ज़िक्र
- राकेश टिकैत ने ली ट्रैक्टर परेड की जिम्मेदारी, कहा- लाल किले पर झंडा किसने लगाया? जवाब दे सरकार
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज होगी केंद्रीय कैबिनेट की बैठक
- दिल्ली हिंसा: 3 और FIR दर्ज, पुलिस बोली- जैसे-जैसे शिकायत आएगी, कार्रवाई होगी
- दिल्ली: ITO से कनॉट प्लेस और इंडिया गेट जाने वाला रास्ता बंद, मिंटो रोड से कनॉट प्लेस पर भी पाबंदी
रवि और सर्वार्थसिद्धि योग में 13 को मनाई जाएगी शरद पूर्णिमा

डिजिटल डेस्क दमोह । अश्विन शुक्ल पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा रविवार सर्वार्थ सिद्धि योग में 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी ।यह योग 5 साल बाद बन रहा है इस पर्व को मनाने के लिए दमोह में तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके साथ ही 13 अक्टूबर को ही बाल्मीकि जयंती भी मनाई जाएगी। एसपीएम नगर स्थित श्री शिव शनि हनुमान मंदिर के पुजारी पं बालकृष्ण शास्त्री एवं पं आशुतोष गौतम शास्त्री ने बताया कि 13 अक्टूबर को अश्विन शुक्ल पक्ष स्नान दान व्रत पूर्णिमा पर महर्षि बाल्मीकि जयंती व शरद पूर्णिमा मनाया जाएगा ।इसके साथ ही कार्तिक स्नान शुरू होगा जो 1 माह तक चलेगा । मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होती है ।शरद पूर्णिमा को जागरी व्रत पूर्णिमा भी कहते हैं। मान्यता है कि इस रात माता लक्ष्मी घूमने आती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। दूसरी मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण गोपियों के साथ महा रास रचाते हैं। चांदनी में रात भर खुले में रखी खीर का प्रसाद बाटता है। पंडित रवि शास्त्री ने बताया कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होने को लेकर किवदंती है। इसी कारण इस दिन खीर बनाकर रात भर खुले आसमान तले चांदनी में रखकर अगले दिन प्रात: काल में खाने का विधि विधान है। इस पूर्णिमा को आरोग्य हेतु फलदायक माना जाता है ।मान्यता के अनुसार चंद्रमा की किरणों से हुई अमृत वर्षा भोजन में मिल जाती है जिसे खाने से दमे की बीमारी दूर हो जाती है। आयुर्वेद के ग्रंथों में भी इस रात की चांदनी के औषधीय महत्व का वर्णन मिलता है ।
मंदिरों में होंगे आयोजन
शरद पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर श्री गौर राधारमण मंदिर, बूंदा बहू मंदिर ,राधा बहू मंदिर ,श्री शिव शनि हनुमान मंदिर , बाँके बिहारी मंदिर आदि सहित अनेक मंदिरों में आयोजनों की तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं ।इसके तहत प्रसाद वितरण एवं आयोजन किए जाएंगे ।
शरद पूर्णिमा व्रत मुहूर्त
पूर्णिमा आरंभ 13 अक्टूबर को रात्रि 12:38: 43 सेकंड से पूर्णिमा समाप्त 14 अक्टूबर 2019 को 2:39: 58 सेकंड पर
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।