षटतिला एकादशी व्रत आज : तिल दान से मिलेगा सहस्र वर्ष स्वर्ग में स्थान

Shattila Ekadashi Vrat 2018, Lord vishnu puja vidhi and muhurt
षटतिला एकादशी व्रत आज : तिल दान से मिलेगा सहस्र वर्ष स्वर्ग में स्थान
षटतिला एकादशी व्रत आज : तिल दान से मिलेगा सहस्र वर्ष स्वर्ग में स्थान

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगवान विष्णु की भक्ति का एक और दिन या व्रत है षटतिला एकादशी। इसे माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस व्रत में काले तिल का विशेष महतव है। इस दिन तिल का ही हवन करके रात्रि जागरण किया जाता है। इस वर्ष यह 12 जनवरी 2018 शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।

 

एकादशी पर तिल का महत्व

व्रती तिल के विशेष पकवान बनाते हैं व पंचामृत में तिल मिलाकर भगवान विष्णु का स्नान कराते हैं। ऐसा करने से विष्णु देव उन्हें समस्त कष्टों से उबरने की शक्ति प्रदान करते हैं। इस दिन व्रती जल में तिल डालकर उससे स्नान भी करते हैं। इस एकादशी पर तिल का महत्व इसी से स्वीकारा जा सकता है कि तिल मिश्रित पदार्थ ना सिर्फ स्वयं खाना चाहिए, बल्कि ब्राम्हणों को भी दान देना चाहिए। इस दिन तिल का दान करने से सहस्र वर्ष स्वर्ग में स्थान प्राप्त होने का अवसर मिलता है। इस व्रत में भगवान विष्णु का पूजन कर उनसे अपने कष्टों काे हरने की प्रार्थना करना चाहिए।

 

षटतिला पर करें ये 6 काम
भगवान विष्णु के इस व्रत में तिल का प्रयोग 6 तरीकों से किया जाता है, जिसकी वजह से ही इसे षटतिला एकादशी कहा जाता है।  तिल स्नान, तिल का उबटन, तिल का दान, तिल का हवन, तिल का भोजन व तिलोदक। ऐसा करने से शरीर और मन शुद्ध होता है। धन-धान्य में वृद्धि होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्यक्ति जैसा दान करता है देह त्यागहने के उपरांत उसे वैसा ही फल प्राप्त होता है। इस दिन तिल के दान का विशेष महत्व है। 

 

पारण काल

एकादशी के अगले दिन 13 जनवरी को पारण काल- 07.19 से 09.23 
पारण के दिन द्वादशी तिथि का समापन - 23.52

 

शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ- 11 जनवरी 2018 को 19.10 बजे से प्रारंभ

एकादशी तिथि समाप्त-12 जनवरी 2018 शुक्रवार को 21.22 बजे से समाप्त

Created On :   26 Dec 2017 8:53 AM IST

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