देवी सत्यभामा मंदिर, ये है दुनिया का एकमात्र ऐसा अनोखा स्थान

डिजिटल डेस्क, पुट्टपर्थी। भगवान कृष्ण के अद्भुत मंदिर आपने अनेक स्थानों पर देखे होंगे, लेकिन यहां हम आपको भगवान कृष्ण की पत्नी सत्यभामा के मंदिर की ओर ले जा रहे हैं। ये अपनी तरह का एकमात्र ऐसा अनोखा स्थान है।
नारद मुनि से शर्त
सत्यभामा नाम सुनकर आपको श्रीकृष्ण लीला का वह दृश्य याद आ गया होगा, जब उनकी आठ पटरानियों में से एक नारद मुनि से शर्त लगा लेती हैं और हारने पर श्रीकृष्ण को उन्हें सेवक के रूप में सौंपने का वचन देती हैं। इस लीला में कई टन सोना भी श्रीकृष्ण का वजन माप नही पाता, बाद में रुकमणी एक तुलसी पात्र तराजू पर रख उनके वजन का माप करती हैं। इसके पश्चात देवी सत्यभामा का अभिमान भंग होता है और वह श्रीकृष्ण से क्षमा मांगती हैं।
स्वप्न में दर्शन देकर दिया मंदिर के निर्माण का आदेश
देवी सत्यभामा का यह मंदिर आंध्र प्रदेश में पुट्टपर्थी में मौजूद है। इसकी स्थापना के पीछे बड़ी ही रोचक कथा है। इसके बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना स्वयं सांई बाबा के दादाजी ने की थी। कहा जाता है कि देवी सत्यभामा ने उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर इस मंदिर के निर्माण का आदेश दिया था। जिसके बाद उन्होंने इसकी स्थापना करवाई।
इच्छाशक्ति की देवी सत्यभामा
देवी सत्यभामा को इच्छाशक्ति की देवी माना जाता है। पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है। यहां पहुंचकर विधि-विधान से पूजा करने पर देवी सत्यभामा इच्छापूर्ति का वरदान देती हैं। मंदिर के गर्भगृह में देवी की 3 फीट ऊंची एक मूर्ति स्थापित है। आसपास कन्हैया की अनेक तस्वीरें लगी हैं। अक्टूबर से मार्च के बीच का काल यहां पहुंचने का सबसे अच्छा समय बताया गया है।
सतयम्मा के नाम से प्रसिद्ध
यह देश का एकमात्र सत्यभामा मंदिर है। यहां हर साल ही हजारों श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। सत्यभामा को साउथ में सतयम्मा के नाम से भी जाना जाता है। सतयम्मा मंदिर यहां काफी फेमस है।
Created On :   17 Dec 2017 9:11 AM IST