पूर्ण चंद्रग्रहण का असर, यहां 9 घंटे पहले शुरू होगा सूतक काल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्ण चंद्रग्रहण साल 2018 में 31 जनवरी को है। चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को हो सकता है। पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपने पूरे तेज पर होता है। अन्य दिवसों की अपेक्षा उसकी रोशनी पृथ्वी पर ज्यादा तीव्र होती हैं, किंतु ग्रहण काल में चांद की रोशनी पृथ्वी तक पहुंचने में लुका-छिपी का खेल देखने मिलता है। इस बार चंद्रग्रहण की ऐसी स्थिति अनेक वर्षाें बाद देखने मिलेगी, जब वह भारत में हल्का नारंगी व अन्य देशों में नीला दिखाई देखा।
टिकी रहेगी हर एक की नजर
यह एक ऐसी खगोलिय घटना है जिसका जितना धार्मिक महत्व है उतना ही वैज्ञानिक महत्व को भी नकारा नही जा सकता। धार्मिक दृष्टि से जहां इस पर लोगों की नजर रहेगी, वहीं नासा के वैज्ञानिकों की नजर हर पल चंद्रमा की गतिविधियों को नोट करेगी। दोनों ही पहलुओं से इसका प्रभाव देखने मिलता है।
देखने मिलता है प्रभाव
धार्मिक दृष्टि से इसका प्रभाव राशियों पर भी पड़ता है। कुल 12 रािशयों में से ग्रहण को कुछ राशियों के लिए सामान्य माना जाता है तो अनेक के लिए अशुभ। इस काल मो सूतक कहा गया है जब किसी भी शुभ कार्य को नही करना चाहिए। यहां तक की इस दौरान खाना-पीना भी वर्जित बताया गया है। आवश्यकता अनुसार इस दाैरान जूस, दूध, फलाें आदि का सेवन किया जा सकता है। मान्यता है कि इस दौरान किए गए कार्यों का प्रभाव स्पष्ट रूप से मनुष्य पर देखने मिलता है। सामान्यतः चंद्र ग्रहण में सूतक का प्रभाव 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है।
सूतक काल होगा होगा मान्य
साल का पहला चंद्र ग्रहण 31 जनवरी 2018 में है, जबकि इसी साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 27-28 जुलाई 2018 में घटित होगा। चंद्र ग्रहण 2018 भारत में दिखाई देने के कारण ग्रहण का सूतक काल यहां पर मान्य होगा। अर्थात सूतक कार्य के दौरान वर्जित किए गए कार्य करना उत्तम नही बताया गया है।
Created On :   21 Jan 2018 3:47 AM GMT