माघ माह में करें काले तिल के ये उपाय, दूर हो सकती हैं आपकी परेशानियां
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमाम कोशिश करने के बाद भी अगर आपकी परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं और पैसा भी आपके हाथों में नहीं टिकता है, तो ज्योतिष शास्त्र में इस समस्या को दूर करने के कई उपाय बताए गए हैं। आज हम आपको काले तिल से जुड़े कुछ आसान उपाय बताने जा रहे हैं। जिसको अपनाकर भविष्य में आने वाली कई तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है।
माघ का महीना चल रहा है ऐसे में काले तिल का यह उपाय और कारगर हो सकता है। पानी में काले तिल को डाल कर शिवलिंग पर ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए चढ़ाएं। इस उपाय से आपको शुभ फल मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
- यदि किसी की कुंडली में शनि के दोष है तो इस दिन किसी नदी या कुएं में शनिवार के दिन एक मुट्ठी काले तिल को डालना चाहिए। इस उपाय से शनि की कृपा मिलती है।
- हर शनिवार के दिन काले तिल और काली उड़द को काले कपड़े में बांधकर किसी गरीब व्यक्ति को दान करें। इस उपाय से पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।
- अगर हमेशा धन की कमी बनी रहती है तो काले तिल को अपने सहित परिवार के सभी सदस्यों के सिर से सात बार काले तिल को उतार कर घर के बाहर उत्तर दिशा में फेंक देना चाहिए।
राहु-केतु और शनि से मुक्ति हेतु :
कुंडली में शनि के दोष हों या शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रहा हो तो प्रत्येक शनिवार को बहते जल में काले तिल प्रवाहित करना चाहिए। इस उपाय से शनि के दोषों की शांति होती है।
आप काले तिल भी दान कर सकते हैं। इससे राहु-केतु और शनि के बुरे प्रभाव समाप्त हो जाते हैं। इसके अलावा कालसर्प योग, साढ़ेसाती, ढय्या, पितृदोष आदि में भी यह उपाय कारगर है।
धन की समस्या दूर करने हेतु :
हर शनिवार काले तिल, काली उड़द को काले कपड़े में बांधकर किसी गरीब व्यक्ति को दान करें। इस उपाय से पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं। धनहानि रोकने हेतु मुठ्ठी भर काले तिल को परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उतारकर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें, धनहानि बंद होगी।
बुरे समय से मुक्ति हेतु :
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जप करते हुए प्रत्येक शनिवार को दूध में काले तिल मिलाकर पीपल पर चढ़ाएं। इससे कैसा भी बुरा वक्त चल रहा होगा तो वह दूर हो जाएगा।
रोग कटे सुख मिले :
हर रोज एक लोटे में शुद्ध जल भरें और उसमें काले तिल डाल दें। अब इस जल को शिवलिंग पर ऊँ नम: शिवाय मंत्र जप करते हुए चढ़ाएं। जल पतली धार से चढ़ाएं और मंत्र का जप करते रहें। जल चढ़ाने के बाद फूल और बिल्व पत्र चढ़ाएं। इससे शनि के दोष तो शांत होंगे ही पुराने समय से चली आ रही बीमारियां भी दूर हो सकती हैं।
जौ का 125 ग्राम आटा लें। उसमें साबुत काले तिल मिलाकर रोटी बनाएं। अच्छी तरह सेंके, जिससे वे कच्ची न रहें। फिर उस पर थोड़ा-सा तिल्ली का तेल और गुड़ डाल कर पेड़ा बनाएं और एक तरफ लगा दें। फिर उस रोटी को बीमार व्यक्ति के ऊपर से 7 बार वार कर किसी भैंसे को खिला दें।
Created On :   31 Jan 2019 8:06 AM GMT