...तो इसलिए जन्माष्टमी पर भगवान 'श्रीकृष्ण' को चढ़ाए जाते हैं छप्पन भोग
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इस बार जन्माष्टमी का त्यौहार 14 अगस्त को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी के दिन भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, जिस कारण हर साल जन्माष्टमी मनाई जाती है। यूं तो जन्माष्टमी के दिन मटकी फोड़ के कार्यक्रम जगह-जगह होते रहते हैं और इस बारे में तो आपको पता ही होगा कि भगवान श्रीकृष्ण मक्खन चुराने के लिए अपने ग्वालों के साथ मटकी फोड़ा करते थे। इसलिए जन्माष्टमी के दिन मटकी फोड़ी जाती है। लेकिन एक बात आपके दिमाग में अक्सर आती होगी कि भगवान को छप्पन भोग क्यों चढ़ाए जाते हैं? आखिर इसके पीछे का क्या कारण है? आज हम आपको यही सीक्रेट बताने जा रहे हैं...
क्यों चढ़ाया जाता है छप्पन भोग?
दरअसल, ऐसा माना जाता है कि जब इंद्र देव ने गुस्से में आकर भयंकर बारिश कर दी थी, तब उस समय भगवान कृष्ण ने गांववालों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी ऊंगली पर 7 दिन तक उठाए रखा था। उन 7 दिनों में श्रीकृष्ण ने गांववालों के दिए 8 तरह के भोजन हर दिन खाए थे। यानी कि 7 दिनों तक लगातार 56 तरह के भोजन भगवान ने खाए थे। इस कारण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग चढ़ाया जाता है।
भाेग में ये हाेता है शामिल
भगवान को चढ़ाए जाने वाले छप्पन भोग में 16 तरह के नमकीन, 20 तरह की मिठाईयां और 20 तरह के मेवे चढ़ाए जाते हैं। इनमें मक्खन, खीर, दूध, चावल, बेसन से बने पकवान शामिल रहते हैं। छप्पन भोग चढ़ाने का भी एक नियम होता है। सबसे पहले भगवान पर दूध चढ़ाया जाता है, फिर बेसन से बने पकवान या नमकीन दिए जाते हैं। उसके बाद सबसे आखिरी में मिठाइयां चढ़ाई जाती हैं।
Created On :   10 Aug 2017 8:59 AM GMT