सूर्य सप्तमी आज, इस उपासना से खुलेगा रोग मुक्ति का मार्ग

Worship on Surya Saptami will give you relief from all the diseases
सूर्य सप्तमी आज, इस उपासना से खुलेगा रोग मुक्ति का मार्ग
सूर्य सप्तमी आज, इस उपासना से खुलेगा रोग मुक्ति का मार्ग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रतिवर्ष माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अचला सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। जो इस वर्ष 12 फरवरी 2019 को यानी आज है। इसे सूर्य सप्तमी, रथ आरोग्य सप्तमी, सूर्यरथ सप्तमी आदि नामों से भी जाना जाता है। अगर यह सप्तमी रविवार के दिन आती हो तो इसे अचला भानू सप्तमी भी कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान सूर्य ने इस दिन समस्त विश्व को अपने प्रकाश से प्रकाशित किया था। इसीलिए माघी शुक्ल सप्तमी को सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार यदि विधि-विधान से यह व्रत किया जाए तो सम्पूर्ण माघ मास के स्नान का पुण्य मिलता है।

इस दिन क्या करें ? 
इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर अपने दैनिक कर्म से निवृत्त होकर नदी या सरोवर में स्नान करें। 
इसके के बाद सूर्य देव की आराधना करें सूर्य देव को अर्घ्य दान करें। 

शुद्ध घी का दीप प्रज्ज्वलित कर कर्पूर, लाल पुष्प आदि से सूर्य देव की पूजा करें। 
दिन भर सूर्य देव के मंत्रो का गुनगान करें। 
सूर्य मंत्र - 

ॐ घृणि सूर्याय नम: तथा ॐ सूर्याय नम:। आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करें। 

अपनी यथाशक्ति अथवा स्वेच्छानुसार गरीबों को दान-दक्षिणा दें। 
इस दिन व्रतधारियों को नमकरहित एक समय एक अन्न का भोजन अथवा फलाहार करने का विधान है।

पौराणिक कथा :- 
माघ शुक्ल सप्तमी से संबंधित कथा का उल्लेख पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र शाम्ब को अपने शारीरिक बल पर बहुत अभिमान हो गया था। एक बार दुर्वासा ऋषि भगवान श्रीकृष्ण से मिलने आए। वे बहुत अधिक दिनों तक तप करके आए थे और इस कारण उनका शरीर बहुत दुर्बल हो गया था। शाम्ब उनकी दुर्बलता को देखकर जोर-जोर से हंसने लगा और अपने अभिमान के चलते उनका अपमान कर दिया। तब दुर्वासा ऋषि अत्यंत क्रोधित हो गए और शाम्ब की धृष्ठता को देखकर उसे कुष्ठ होने का श्राप दे दिया। शाम्ब की यह स्थिति देखकर श्रीकृष्ण ने उसे भगवान सूर्य की उपासना करने को कहा। पिता की आज्ञा मानकर शाम्ब ने भगवान सूर्य की आराधना करना प्रारंभ किया, जिसके फलस्वरूप कुछ ही समय में उसको कुष्ठ रोग से मुक्ति मिल गई।

इसलिए जो श्रद्धालु माघी शुक्ल सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की आराधना विधिवत करते हैं। उन्हें आरोग्य, पुत्र और धन की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में सूर्य को आरोग्यदायक कहा गया है तथा सूर्य की उपासना से रोग मुक्ति का मार्ग भी बताया गया है। इस व्रत को करने से शरीर की दुर्बलता, हड्डियों की कमजोरी, जोड़ों का दर्द आदि रोगों से मुक्ति मिलती है। इतना ही नहीं भगवान सूर्य की ओर अपना मुख करके सूर्य स्तुति करने से चर्म रोग जैसे गंभीर रोग भी नष्ट हो जाते हैं।

Created On :   4 Feb 2019 5:30 AM GMT

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