अगहन का पहला गुरूवार आज, पूर्णिमा तक इस विधि से करें लक्ष्मी पूजा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रत्येक माह का अपना महत्व है। पुण्य माह कार्तिक के बाद अब अगहन माह शुरु हो चुका है। 9 नवंबर अर्थात आज अगहन का पहला गुरूवार है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। घरों में महिलाएं दिनभर व्रत धारण करती हैं। इस दिन दोपहर के वक्त अगहन बृहस्पति की कथा सुनी जाती है। यह पूजन कर मां लक्ष्मी से धन-धान्य में वृद्धि की कामना से की जाती है।
अगहन के प्रत्येक गुरुवार
यह पूजा आंवला, आंवले की पत्तियां, रखिया, गेंदे के फूल और धान की बालियां रखकर की जाती है। पूजन के बाद कथा श्रवण और फिर संध्या आरती। अगहमन माह में इस पूजा का अत्यधिक महत्व है। इसका सिलसिला अगहन पूर्णिमा के प्रत्येक गुरूवार को चलता है।
अल्पना में बनाएं चरण चिंह
इस गुरुवार को मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घरों में रंगोली, भीगे हुए चावल के आटे से रेहन, अल्पना आदि बनाए जाते हैं। मां लक्ष्मी के चरण चिंह भी प्रतीक स्वरूप बनाए जा सकते हैं। यदि यह अल्पना के बीच में ही बनाए जाते हैं तो इसे अतिशुभ माना जाता है। यह पूरा दिन पूजा-पाठ का होता है और मां लक्ष्मी की शयन पूजा भी की जाती है। इस दिन घर का मुख्य द्वार दीपों से प्रज्जवलित करना चाहिए।
9, 16, 23 और 30 नवंबर तक कुल चार
बीते साल की तरह ही इस बार भी अगहन माह में 9, 16, 23 और 30 नवंबर तक कुल चार गुरूवार पड़ेंगे। अगहन माह में इस पूजा का प्रचलन पुरातन माना जाता है। कहा जाता है कि इस माह में लक्ष्मी पूजा से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। प्रत्येक गुरूवार को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है। प्रत्येक गुरूवार अलग-अलग पकवानों का भोग लगाने का भी महत्व है। माता लक्ष्मी काे पीले वस्त्र पहनाने आैर पीले फूल चढ़ाने से भी देवी प्रसन्न हाेती हैं।
Created On :   9 Nov 2017 9:33 AM IST