तिलकुंद चतुर्थी 2021 : सुखी वैवाहिक जीवन और पारिवारिक समृद्धि के लिए करें वरद विनायक चौथ व्रत 

Tilakund Chaturthi is special: Varad Vinayak Chauth fast for happy married life and family prosperity
तिलकुंद चतुर्थी 2021 : सुखी वैवाहिक जीवन और पारिवारिक समृद्धि के लिए करें वरद विनायक चौथ व्रत 
तिलकुंद चतुर्थी 2021 : सुखी वैवाहिक जीवन और पारिवारिक समृद्धि के लिए करें वरद विनायक चौथ व्रत 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महीने में 2 बार चतुर्थी व्रत किया जाता है। कृष्णपक्ष की चतुर्थी को संकटा और शुक्ल पक्ष वाली को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। इस बार माघ महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी 15 फरवरी को आ रही है। इसे वरद, विनायक या तिलकुंद चतुर्थी भी कहा जाता है। इस व्रत पर भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा करते हैं। इनके साथ ही कुछ ग्रंथों में चतुर्थी देवी की पूजा करने का भी विधान बताया गया है। 

चतुर्थी व्रत परिवार और वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। धर्म ग्रंथों के मुताबिक चतुर्थी व्रत के प्रभाव से हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजा विधि

महत्व
महाराष्ट्र और तमिलनाडु में शुक्ल और कृष्णपक्ष की चतुर्थी पर व्रत करने की परंपरा है। इस दिन व्रत के साथ ही भगवान गणेश की पूजा भी की जाती है। शिव पुराण के मुताबिक भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न में हुआ था, इसलिए यहां दोपहर में भगवान गणेश की पूजा प्रचलित है। इन इलाकों के अलावा उत्तरी भारत में कई जगहों में भी यह व्रत किया जाता है, लेकिन यहां शाम को गणेश पूजा के बाद चंद्रमा के दर्शन और पूजा के बाद व्रत खोलने की परंपरा है।

व्रत के बारे में
- विनायक चतुर्थी में भगवान गणेश का नाम लेकर ही व्रत की शुरुआत की जाती है।
- इस दिन सिर्फ फल जड़ यानी जमीन में उगने वाले फल या ऐसी फसल और पौधों को खाया जाता है।
- व्रत में गणपति पूजा के बाद चंद्र दर्शन करें और फिर ही उपवास खोलें।
- व्रत के बारे में ग्रंथों में लिखा है कि अगर इस दिन विधि-विधान से गणेश जी की पूजा और व्रत किया जाता है तो हर तरह के संकट दूर होते हैं।
- परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की चतुर्थी का व्रत किया जाता है।
- यह व्रत सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय तक चलता है, हालांकि, शाम को - चंद्रमा के दर्शन और पूजा के बाद एक बार भोजन किया जाता है।
- भगवान गणेश हर तरह के कष्ट को हरने वाले और कामकाज में आने वाली रुकावटों को दूर करने वाले हैं, इसलिए उन्हें "विघ्नहर्ता" भी कहा जाता है।
- भगवान गणेश सुख प्रदान करने वाले हैं, इसलिए यह व्रत रखने से सभी कष्ट दूर होते हैं।

Created On :   14 Feb 2021 11:34 AM GMT

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