रामायण-महाभारत से जुड़ी कथा, शत्रु पर विजय के लिए धारण करें ये व्रत

Vijaya Ekadashi Vrat Katha, Fasting date and the Parana time 2018
रामायण-महाभारत से जुड़ी कथा, शत्रु पर विजय के लिए धारण करें ये व्रत
रामायण-महाभारत से जुड़ी कथा, शत्रु पर विजय के लिए धारण करें ये व्रत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विजया एकादशी व्रत, जिसे धारण कर स्वयं श्रीराम ने विजय हासिल की। जिसका उल्लेख पुराणों में बड़े ही सुंदर अक्षरों में दिया गया है। जिसे धारण कर जीवन के अनेक कष्टों का एवं पापों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। इस बार 11 फरवरी 2018 को हैं। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, किंतु राम अवतार में स्वयं भगवान ने इसे धारण किया था। जिससे इसकी महिमा स्पष्ट होती है। 


वर्णित है ऐसी कथा
पुराणों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि जब सीता हरण के बाद श्रीराम सेना एकत्रित कर माता सीता को वापस लाने के लिए समुद्र तट पर पहुंचे तो विशाल समुद्र को पार करना आसान नही था। तब उससे पूर्व कुमारी द्वीप में वकदाल्भ्य मुनि के आश्रम पहुंचे। क्योंकि रावण भी प्रकाण्ड विद्वान एवं उच्चकोटी का वेदज्ञानी था। अतः उसे पराजित करना इतना आसान नही था। अतः वकदाल्भ्य मुनि ने जब प्रभु श्रीराम से अपने आश्रम में आने का प्रयोजन पूजा तो उन्होंने रावण पर विजय का उपाय पूछा।

 

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विधि पूर्वक धारण किया व्रत

ऐसा वर्णन मिलता है कि मुनि वदकाल्भ्य ने ही भगवान श्रीराम को विजया एकादशी व्रत के बारे में बताया। उन्होंने कहा, हे प्रभु फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी का व्रत धारण करने से आपको अवश्य ही समुद्र पार करने का मार्ग मिल जाएगा और रावण से युद्ध में भी आपकी विजय प्राप्त होगी। उन्होंने ही प्रभु श्रीराम को इसकी पूर्ण विधि बतायी थी। मुनि के वचनों को सुनकर एवं विधि जानकार भगवान श्रीराम ने इसे विधि पूर्वक धारण किया था।

 

भगवान कृष्ण से पूछी

वहीं महाभारत से पूर्व इस व्रत की विधि स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछी थी। इस व्रत को धारण करने से मनुष्य काे पाप तो नष्ट हाेते ही हैं साथ ही श्रीहरि विष्णु के चरणों में स्थान भी प्राप्त हाेता है। शत्रु पर विजय के लिए इस व्रत को धारण करना उत्तम बताया गया है।

Created On :   6 Feb 2018 10:16 AM IST

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