85 साल की परंपरा, मिर्च से अभिषेक के बाद अंगारों पर चलते हैं ये लोग

weird Chillies puja in Viluppurm Temple at south india idyachandi
85 साल की परंपरा, मिर्च से अभिषेक के बाद अंगारों पर चलते हैं ये लोग
85 साल की परंपरा, मिर्च से अभिषेक के बाद अंगारों पर चलते हैं ये लोग

डिजिटल डेस्क, वेलुप्परम। भारत देश में अनोखी परंपराओं की कमी नही है। ठीक इसी प्रकार अनोखे मंदिरों की भी कमी नही है। दक्षिण भारत में मंदिरों की शैली सबसे अलग और अद्भुत देखने मिलती है। यहां की परंपराएं भी सबसे अलग ही होती हैं। यहां आज आपको ऐसे मंदिर की ओर ले जाया जा रहा है जहां रोगों से दूर रहने के लिए मिर्ची से अभिषेक किया जाता है। 

 

दरअसल, यह मंदिर तमिलनाडु के सबसे बड़े जिले वेलुप्पुरम में विश्व प्रसिद्ध ऑरोविले इंटरनेशनल टाउनशिप (सिटी ऑफ डॉन) के पास एक गांव इद्यांचवाडी में स्थित है। यहां प्रतिवर्ष 8 दिनों तक ऐसा त्योहार मनाया जाता है जिसमें मिर्ची का अभिषेक देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। ये लोगों के स्वस्थ्य रहने की कामना से किया जाता है।  

 

दिनभर उपवास रखते हैं

मंदिर की परंपरा के अनुसार यहां के तीन सबसे वरिष्ठ लोग पहले अपने हाथ में कंगन धारण करते हैं और फिर दिनभर उपवास रखते हैं। इसके बाद उनका मुंडन संस्कार होता है। फिर पुजारी उन्हें देवताओं की भांति पूजन स्थान पर बैठाकर उन्हें पूजते हैं। फिर उनका विभिन्न सामग्रियों से अभिषेक किया जाता है। इसमें चंदन, कुचले हुए फूल आदि शामिल होते हैं। इसके पश्चात होता है मिर्ची का अभिषेक। इसमें तीनों को मिर्च के लेप से स्नान कराया जाता है। उससे पहले इन्हें मिर्च का लेप खिलाया जाता है। 

 

धीमिति का आयोजन

इसके बाद आखिर में उन्हें नीम के जल से स्नान कराकर मंदिर के अंदर ले जाया जाता है। जहां धीमिति का आयोजन होता है। यहां उन्हें जलते हुए अंगारों पर चलना होता है। बताया जाता है कि यह परंपरा करीब 85 सालों से निभायी जा रही है। हरिश्रीनिवासन को 1930 में स्वयं भगवान ने दर्शन देकर यहां के लोगों को रोगों दूर रखने इस परंपरा का निर्वहन करने का आदेश दिया था। तब से यह परंपरा निभायी जा रही है। 
 

Created On :   5 Nov 2017 12:05 PM IST

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