Varaha Jayanti 2025: कब है वराह जयंती? जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त

कब है वराह जयंती? जानिए सही तिथि और शुभ मुहूर्त
  • मत्स्य और कश्यप के बाद श्रीहरि का यह तीसरा अवतार है
  • हिरण्याक्ष नाम के दैत्य को मारने यह अवतार लिया था
  • इस दिन भगवान विष्णु के वराह स्वरूप की पूजा की जाती है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को वराह जयंती (Varah Jayanti 2022) मनाई जाती है। पुराणों के अनुसार, हिरण्याक्ष नाम के दैत्य को मारने इसी तिथि को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने वराह अवतार लिया था। मत्स्य और कश्यप के बाद भगवान विष्णु का यह तीसरा अवतार है।

इस दिन भगवान विष्णु के वराह स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है और और उनसे सुख एवं समृद्धि की कामना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि, भगवान विष्णु के इस स्वरूप की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं इस पूजा की विधि और मुहूर्त के बारे में...

तिथि और शुभ मुहूर्त

तिथि आरंभ: 26 अगस्त 2025, मंगलवार की दोपहर 1 बजकर 54 मिनट तक

तिथि समापन: दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से 04 बजकर 07 मिनट तक

पूजा शुभ मुहूर्त: दोपहर के 1 बजकर 40 मिनट से लेकर शाम के 4 बजकर 15 मिनट तक

पूजा विधि

- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त हों।

- इसके बाद सूर्य को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।

- अब घर के मंदिर का साफ करें और गंगा जल का छिड़काव करेंं।

- फिर भगवान वराह की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

- अब भगवान वराह को गंगाजल से स्नान कराएं।

- पीले चन्दन से तिलक करके अक्षत, पुष्प, फल, मिठाई आदि अर्पित करें।

- भगवान को भोग लगाएं और धूप-दीप जलाकर आरती करें।

- पूजा करने के बाद उनके अवतार की कथा पढ़ें।

पूजा में इस मंत्र का जाप करें

नमो भगवते वाराहरूपाय भूभुर्व: स्व: स्यात्पते भूपतित्वं देह्येतद्दापय स्वाहा

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   23 Aug 2025 6:22 PM IST

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