बैकग्राउंड स्कोर की अपनी चुनौतियां होती हैं : करण कुलकर्णी

Background score has its challenges: Karan Kulkarni
बैकग्राउंड स्कोर की अपनी चुनौतियां होती हैं : करण कुलकर्णी
बैकग्राउंड स्कोर की अपनी चुनौतियां होती हैं : करण कुलकर्णी

मुंबई, 10 अगस्त (आईएएनएस)। हाल ही में रिलीज हुई फिल्में शकुंतला देवी और रात अकेली है के लिए बैकग्राउंड स्कोर को कम्पोज करने वाले संगीत निर्देशक करण कुलकर्णी का कहना है कि कहानी के भाव को इसके बैकग्रांड म्यूजिक के माध्यम से बयां करना किसी भी गीत की रचना से कम दिलचस्प नहीं है।

करण ने आईएएनएस को बताया, मैं यही कहूंगा कि हर एक की अपनी अलग चुनौतियां हैं। बात जब एक गीत की आती है तो लोग इसे फिल्म से अलग हटकर भी सुनते हैं, लेकिन जब हम किसी फिल्म या कहानी या किसी ²श्य के बैकग्राउंड स्कोर पर काम करते हैं, तो हमें कहानी के भाव पर पकड़ बनानी पड़ती है। यह एक अलग तरह की चुनौती है।

इस काम में फिल्म के निर्देशकों से बातचीत के आधार पर किस तरह से मदद मिलती है? इस पर करण ने कहा, किसी फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर को बनाना वाकई में साथ में मिलकर किया जाने वाला एक काम है। उदाहरण के तौर पर, शाहिद और अलीगढ़ के बैकग्राउंड स्कोर का निर्माण करते हुए मैंने हंसल मेहता के साथ भी काम किया है। उनके कहानी को बताने का तरीका, प्रोफेसर सिराज के किरदार के बारे में बात करने का उनके अंदाज को मैं एक धुन के माध्यम से कैसे बयां करूं? इस काम के लिए मैंने भारतीय शास्त्रीय संगीत के राग पूरिया धनेश्री को गाने का आधार बनाया। राग की धुन ने किरदारों के साथ अपना तालमेल बिठाया। यह एक डार्क स्पेस था जहां किरदारों को समाहित किया गया था।

शकुंतला देवी में (निर्देशक) अनु (मेनन) को एक खास धुन चाहिए थी जो तत्कालीन समय के अनुरूप हो, तो इंस्ट्रूमेंटेशन पर भी काम उसी अनुरूप जारी था।

एसएन/जेएनएस

Created On :   10 Aug 2020 2:30 PM IST

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