अमिताभ बच्चन के ज्वेलरी एड को लेकर विवाद, बैंक यूनियन ने कहा Disgusting

Bank Union calls jewellary ad featuring Amitabh Bacchan Disgusting
अमिताभ बच्चन के ज्वेलरी एड को लेकर विवाद, बैंक यूनियन ने कहा Disgusting
अमिताभ बच्चन के ज्वेलरी एड को लेकर विवाद, बैंक यूनियन ने कहा Disgusting

डिजिटल डेस्क, मुंबई। हाल ही में ज्वेलरी कंपनी कल्याण ज्वेलर्स ने अमिताभ बच्चन और उनकी बेटी श्वेता नंदा को एक एड में साथ फीचर किया है। इस एड में भरोसे को बढ़ावा देते हुए कंपनी ने बेटियों के अपने परिवार के प्रति जिम्मेदार होने की बात भी सामने रखी है। पर लगता है इस एड को बैंक यूनियन का अटैक झेलना पड़ सकता है। दरअसल एड में बैंक की छवि को नकारात्मक रूप से पेश किया गया है। बैंक यूनियन ने कहा है कि "इस एड से लोगों में बैंकों के प्रति विश्वास कम होगा और इस इंस्टिट्यूशन की छवि धूमिल होगी"।

कर्मचारियों की भावनाओं को पहुंचाई ठेस
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, जिसके तहत 3 लाख से ज्यादा बैंक कर्मी रजिस्टर्ड हैं, उसने इस एड के लिए कल्याण ज्वेलर्स के खिलाफ केस दर्ज करने की बात भी कही है। कन्फेडरेशन का कहना है कि- "इस एड ने सिर्फ अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए लाखों बैंक कर्मियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है"। AIBOC की सेक्रेटरी सौम्या दत्त ने कहा कि- "एडवर्टाइजमेंट का थीम और उसका टोन बैंकिंग सिस्टम के खिलाफ था जिससे लोगों में बैंकों के प्रति अविश्वास पैदा करने की कोशिश की गई"।

क्या कहना है कल्याण ज्वेलर्स का?
कल्याण ज्वेलर्स ने अपनी सफाई में कहा कि-" ये एड पूरी तरह से काल्पनिक है। हम समझते हैं कि ऑर्गेनाइजेशन को लग रहा है कि बैंकों को नकारात्मक रूप से दिखाया गया है पर हमारा मकसद कभी भी इस सिस्टम की छवि को धूमिल करना नहीं था। आप इसके लिए हमारा डिस्क्लेमर पढ़ सकते हैं। एड के कैरेक्टर्स पूर्ण रूप से काल्पनिक हैं और इसका मकसद किसी भी व्यक्ति या संस्था का अनादर करना नहीं है"।

अमिताभ बच्चन ने भी शेयर किया था एड
बता दें कि एड को 17 जुलाई को रिलीज किया गया था जिसे अमिताभ बच्चन ने अपने वैरीफाइड ट्विटर अकाउंट से शेयर किया था। इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा- "ये मेरे लिए एक इमोशनल मोमेन्ट है। बेटियां बेस्ट होती हैं"। एड में सीनियर बच्चन अपनी ईमानदारी दिखाते हुए अपने अकाउंट में गलती से आए हुए पैसों को लौटाने के लिए अपनी बेटी के साथ बैंक जाते हैं जहां उन्हें बैंक की लापरवाही का सामना करना पड़ता है।

 

 



बैंकिंग सिस्टम का बनाया गया है मजाक
AIBOC का कहना है कि "एड में ईमानदारी और भरोसे को दिखाया गया है। पर ईमानदारी तब नहीं होती जब सब आपको देख रहे हों बल्कि तब होती है जब आपको कोई ना देख रहा हो। मिस्टर बच्चन ये भूल गए कि अपनी ईमानदारी पेश करने के साथ-साथ वो बूरे बैंकिंग सिस्टम का मजाक बना रहे हैं। इस मामले में अभी तक कोई अधिकारिक कार्यवाही नहीं की गई है"।

Created On :   20 July 2018 6:40 PM GMT

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