बॉलीवुड के म्यूजिक कलाकारों को खलती है महिला एकल गीत की कमी

Bollywood music artists miss female singles shortage
बॉलीवुड के म्यूजिक कलाकारों को खलती है महिला एकल गीत की कमी
बॉलीवुड के म्यूजिक कलाकारों को खलती है महिला एकल गीत की कमी
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नई दिल्ली, 7 मार्च (आईएएनएस)। बॉलीवुड फिल्म जगत में महिला प्रधान फिल्में तो कई बनाई गईं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि महिला पाश्र्वगायिकों के एकल गीत की कमी पर किसी का ध्यान नहीं गया है। हालांकि गायिकाएं बॉलीवुड के स्पेशल और डांस नंबर के लिए जरूरी हो सकती हैं, लेकिन अपनी बहुमुखी प्रतिभा जाहिर करने के लिए उनका झुकाव गैर-फिल्मी गानों की ओर बढ़ रहा है।

नवोदित गायिका ध्वनि भानुशाली, जिन्होंने दिलबर और वास्ते जैसे गाने गाए, का कहना है कि फिल्मों में गायिकाओं के लिए कम गाने हैं और वह इस बात को जानती हैं। साईको सैयां की हिटमेकर ने आईएएनएस से कहा, मेरे ख्याल से इसमें बदलाव आएगा और चीजें बेहतर होंगी, लेकिन मेरे ख्याल से मैं स्वतंत्र (संगीत) करियर बनाने के लिए तैयार हूं।

दिलबर गाने में ध्वनि का साथ नेहा कक्कड़ ने भी दिया था।

दबंग 3 सहित कई फिल्मों के गाने गा चुकी गायिका-कंपोजर पायल देव भी महिलाओं की आवाज में अधिक गाने लाने की तैयारी कर रही हैं, लेकिन वे डांस नंबर नहीं होंगे।

उन्होंने कहा, हमारी फिल्मों में हमें सिर्फ डांस नबर और पार्टी नंबर तक सीमित नहीं रहना, बल्कि इससे अधिक चाहिए। सौभाग्य से बॉलीवुड में और स्वतंत्र संगीत क्षेत्र में हम यह बदलाव देख रहे हैं और कई गायिकाएं सामने आ रही हैं।

ऋतिक रौशन और टाइगर श्रॉफ स्टारर फिल्म वार के गाने घुंघरू से लोकप्रिय हुईं गायिका शिल्पा राव ने कहा, मेरे अनुमान से सभी का यह महसूस करना कि महिलाओं के गाने कम हैं, यह अत्यंत स्वाभाविक है, लेकिन मेरा मानना है कि जरूरी बदलाव किया जाना चाहिए, खास कर तब जब वैश्विक तौर पर बदलाव हो रहा है। पूरी दुनिया में महिला कलाकार, निर्देशक, लेखक, संगीतकार सभी काम करने के मौके को लेकर चर्चा कर रही हैं।

न सिर्फ महिलाएं, बल्कि ललित पंडित जैसे कंपोजर भी मान रहे हैं कि वर्तमान में गायिकाओं के गाने लगभग विलुप्त हो गए हैं।

इस बारे में अलका याग्निक ने आईएएनएस से कहा, जिस तरह के गाने पहले हुआ करते थे, उस तरह के गाने गायिकाओं की आवाज को सूट करते थे। हम पूरा अल्बम गाते थे, इसलिए एक पहचान बनती थी। आवाज के साथ एक चेहरा हुआ करता था, और गाने अच्छे होते थे। वे आत्मीय गीत, अच्छी धुन हुआ करती थी। हम सभी की एक पहचान हुआ करती थी।

उन्होंने आगे कहा, आजकल बहुत सारे गायक-गायिकाएं हैं, लेकिन उस कैलिबर का गाना ही नहीं बनाया जा रहा है, इसलिए जब एक अल्बम में छह गाने होते हैं, तो उसे छह अलग-अलग लोग गाते हैं। गायक-गायिकाओं की भीड़ हैं, और उसी भीड़ में वे खो गए हैं।

Created On :   7 March 2020 12:01 PM GMT

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