स्पॉर्टड्रामा में प्रेरित करते नजर आए अभय देओल

IANS review: Abhay Deol inspires in sports drama
स्पॉर्टड्रामा में प्रेरित करते नजर आए अभय देओल
आईएएनएस की समीक्षा स्पॉर्टड्रामा में प्रेरित करते नजर आए अभय देओल
हाईलाइट
  • आईएएनएस की समीक्षा: स्पॉर्टड्रामा में प्रेरित करते नजर आए अभय देओल (आईएएनएस रेटिंग: साढ़े तीन स्टार)

डिजिटल डेस्क, मुंबई। निर्देशक- सागर बल्लारी, कलाकार- अभय देओल, एमिली शाह, अतुल कुमार, जूलियन लुईस जोन्स और स्टीवर्ट राइट।

आईएएनएस रेटिंग: साढ़े तीन स्टार

पूरे देश के लिए एक गर्व का क्षण था, जब ओडिशा के आदिवासी बच्चों ने एक स्थानीय संरक्षक एवं महत्वाकांक्षी बटर-बॉल कोच पॉल की मदद से रग्बी चैंपियनशिप जीती थी। यह अकल्पनीय लगता है, लेकिन यह एक सच्ची कहानी है।

जंगल क्राई दो कोचों और 12 लड़कों के बारे में अभी तक अनकही कहानी पर आधारित है। उन्हें रग्बी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। फिर भी, 2007 के अंडर -14 रग्बी विश्व कप में अपनी मेहनत के बल पर वे दुनिया की सबसे बड़ी टीम को हराकर जीत हासिल करते हैं।

निर्देशक सागर बल्लारी की फिल्म स्पोर्ट्स बायोपिक शैली की है। इसे देशभक्ति के साथ पेश किया गया है, और एक ऐसी फिल्म बनाई है, जो कंटेंट के मामले में बहुत अच्छी है। वहीं अभय देओल भी फिल्म के जरिए धमाकेदार वापसी कर रहे हैं।

बारह आदिवासी बच्चों की यह एक अविश्वसनीय और प्रेरक सच्ची कहानी है। उनके पास जूते, भोजन, आश्रय, सुरक्षा कुछ नहीं था। उन्हें रुद्र (अभय देओल) द्वारा स्थानीय फुटबॉल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए नामांकित किया जाता है, लेकिन वेल्स के रग्बी कोच पॉल उन्हें विश्व रग्बी चैंपियनशिप के लिए प्रशिक्षित करना चाहते थे।

कुछ विचार-विमर्श के बाद, रुद्र और पॉल अपने लक्ष्यों को संरेखित करते हैं, लेकिन ये वंचित लड़के अभी भी जूते, उपकरण के बिना होते हैं, और उन्हें रग्बी के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है। दो कोच, बहुत ²ढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से, केवल चार महीनों में बच्चों को प्रशिक्षित करते हैं, और वे अंडर -14 रग्बी विश्व कप 2007 के वेल्स में चैंपियन बन जाते हैं ।

वेल्स की उनकी यात्रा के दौरान, पूरी टीम का परिचय टीम फिजियोथेरेपिस्ट रोशनी ठक्कर से होता है। यह भूमिका भारतीय अमेरिकी अभिनेत्री एवं धर्मा ड्राई जिन की निर्माता एमिली शाह ने निभाई है।

फिल्म सिर्फ दलितों के बारे में नहीं है। यह इस तथ्य का एक आश्वस्त करने वाला कथन है कि खेल किसी बच्चे को सभी बाधाओं को दूर करने और जीवन में एक पहचान बनाने में मदद कर सकता है। निर्देशक ने देशभक्ति के भाषणों या भावनाओं के शो पर समय बर्बाद नहीं किया है, कहानी को सरल रखा।

यह हैप्पी एंडिंग के साथ एक अच्छी तरह से संतुलित, अच्छी तरह से तैयार की गई और बहुस्तरीय भावनात्मक स्पोर्टस ड्रामा फिल्म है।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   2 Jun 2022 7:00 AM GMT

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