टॉम क्रूज: बढ़ती उम्र को मात देने में लगा सुपरस्टार
दिलीप कुमार कापसे। टॉम क्रूज अभिनीत मिशन इम्पॉसिबल श्रृंखला की छठी फ़िल्म "मिशन इम्पॉसिबल-फॉल आउट" रिलीज़ के लिए तैयार है। अब तक आई झलकियों से मालूम होता है कि ये फ़िल्म इस सीरीज की बाकी फिल्मों से ज़्यादा हैरतअंगेज़ और ख़तरनाक दृश्यों से भरी हुई है। वैसे भी इसके निर्माताओं की कोशिश हर नई फ़िल्म को पिछली से बेहतर बनाने की होती है और ऐसे बेहद मुश्किल प्रोजेक्ट को टॉम क्रूज जैसे जुनूनी कलाकार का समर्पण और समर्थन मिलता है।
इस रोचक और रोमांचक फ़िल्म श्रृंखला का अपना दर्शक वर्ग है और बाकी स्पाई थ्रिलर फिल्मों से थोड़ा अलग इसकी सभी फिल्मों की कहानी एक ठोस आधार लिए हुए होती है, जो इसे सीक्रेट एजेंट्स की अन्य फ़िल्मों में मौजूद लिजलिजेपन से दूर भी रखती है। फ़िल्म निर्माण पर स्वयं टॉम क्रूज की पैनी नज़र होती है और समझौता न करने की उनकी पुरानी आदत ने इस श्रंखला की पकड़ को कभी भी कमज़ोर नहीं पड़ने दिया है। यही वजह है कि पिछले 22 वर्षों में इस श्रंखला की सिर्फ 6 फिल्में ही दर्शकों के सामने आ पाई हैं। इस प्रचलित ब्रांड की सफलता को कूटने की बजाय टॉम क्रूज ने इसे फ़िल्म दर फ़िल्म और भव्य बनाने पर ध्यान लगाया। नतीजा, दर्शकों का विश्वास इस श्रृंखला पर अब तक कायम है।
टॉम क्रूज ग़ज़ब के एंटरटेनर हैं जो अपने प्रशंसकों को सिनेमाई रोमांच के नए स्तरों से रूबरू कराने के लिए अपनी जान जोख़िम में डालते रहते हैं। इसमें तनिक भी संदेह नहीं रह गया है कि जांबाज़ी के मामले में अमेरिका के शीर्ष सितारों के बीच वो सबसे ऊपर खड़े हैं। हॉलीवुड की लोकप्रिय सीक्रेट एजेंट फिल्मों में "जेम्स बॉन्ड" के बाद अगर किसी को याद रखा जाता है तो वो ईथन हंट ही है। हालांकि "बॉर्न सीरीज" का एजेंट जैसन बॉर्न पर्दे पर इन दोनों से ज़्यादा रोमांच पैदा करता है, लेकिन शुरुआती कुछ फिल्मों के बाद "बॉर्न श्रृंखला" बिखर गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह एजेंट जैसन बॉर्न का किरदार निभाने वाले अभिनेता मैट डेमन ख़ुद हैं।
मैट डेमन प्रतिभाशाली तो बहुत हैं, लेकिन उनके पास टॉम क्रूज जैसे जुनून का अभाव है और इसलिए वो अपनी रफ़्तार को कायम नहीं रख पाए। ऐसे किरदारों को लंबे वक्त तक निभाने के लिए हमेशा शरीर को स्वस्थ और एक जैसा रखना होता है और मैट डेमन इस मामले में असफल रहे। हालांकि ये भी पूर्ण सत्य नहीं माना जा सकता क्योंकि "जैक रीचर" श्रृंखला में टॉम क्रूज ऐसे ही किरदार को दोहराते नज़र आते हैं और वहां वो उतने सफल नहीं हैं। सारा मामला फिर उसी बात पर आकर अटक जाता है और वो है बेहतर कंटेंट, जिसके न होने पर एक सुपर सितारा भी डूब सकता है।
"जेम्स बॉन्ड" के निर्माताओं ने तो पहले ही ऐसी फिल्मों का सुनहरा भविष्य देख लिया था। उन्होंने जेम्स बॉन्ड को एक अभिनेता तक ही न समेटकर उसे कभी ख़त्म न होने वाले किरदार में तब्दील कर दिया। ये निर्माताओं की चतुराई ही थी कि उन्होंने शॉन कॉनरी जैसे अव्वल दर्जे के अभिनेता को भी इस किरदार से बड़ा नहीं होने दिया। अभिनेता के चेहरे पर बढ़ती झुर्रियों के साथ ही बॉन्ड बदल देने की जो परम्परा डाली गई वो आज तक क़ायम है।
निर्माताओं की ये निर्ममता बाज़ार को ऐसा प्रोडक्ट दे गई है जो बार-बार आकर भी सफल है। शॉन कॉनरी से पियर्स ब्रॉसनन तक किसी पर रहम नहीं किया गया और मौजूद बॉन्ड डेनियल क्रेग को भी बदला ही जायेगा। चिरयुवा किताबों का शब्द है और वो व्यवसायिक सिनेमा में लागू नहीं होता। यहां तो हर दौर के युवा के पास अपना बॉन्ड है और सभी अपने ही दौर में अटके रहना चाहते हैं।
बहरहाल, 56 वर्षीय टॉम क्रूज उम्र को मात देने में लगे हुए हैं। उनकी कलाबाजियां बढ़ती उम्र के साथ और रोमांचक होती जा रही हैं। दुनियाभर में करोड़ों महिलाओं को प्यारा ये सितारा अब भी चमचमा रहा है। एक पेशेवर कलाकार के तौर पर बरसों बाद भी क़ायम टॉम की ये निष्ठा सम्मान की हक़दार है। अब सवाल ये है कि उनके बाद ईथन हंट का क्या होगा? टॉम क्रूज को कभी न कभी तो रुकना ही होगा और ये तो अंतिम सत्य है। वैसे भी वो सिर्फ़ नायक ही नहीं बल्कि इस श्रंखला के निर्माता भी हैं और एजेंट ईथन हंट के किरदार की अहमियत को बख़ूबी समझते हैं। उनको ये भलीभांति मालूम है कि ईथन हंट के किरदार में भी जेम्स बॉन्ड की तरह दशकों तक दर्शकों का मनोरंजन करने की क्षमता है। ऐसे में "मिशन इम्पॉसिबल" को आगे जारी रखना एक समझदारी भरा निर्णय होगा और इसके लिए उन्हें ईथन हंट को भी वही विस्तार देना होगा जो कि जेम्स बॉन्ड को दिया गया। देर सबेर टॉम क्रूज को अपनी जगह छोड़ देनी चाहिए। वो अपनी भूमिका किसी अन्य सितारे को देकर बतौर निर्माता ईथन हंट को बढ़ता हुआ देख पाएंगे। यकीनन उनके प्रशंसकों के लिए ये झटका होगा, लेकिन नए दौर के नए दर्शकों को भी उनका नया ईथन हंट मिल जाएगा।
Created On :   20 July 2018 2:36 PM IST