ओटीटी प्लेटफॉर्म मल्टीप्लेक्स और थियेटर का विकल्प नहीं : सुभाष घई

OTT platform not an option for multiplex and theater: Subhash Ghai
ओटीटी प्लेटफॉर्म मल्टीप्लेक्स और थियेटर का विकल्प नहीं : सुभाष घई
ओटीटी प्लेटफॉर्म मल्टीप्लेक्स और थियेटर का विकल्प नहीं : सुभाष घई
हाईलाइट
  • ओटीटी प्लेटफॉर्म मल्टीप्लेक्स और थियेटर का विकल्प नहीं : सुभाष घई

मुंबई, 4 जुलाई (आईएएनएस)। फिल्मकार सुभाष घई ने कहा कि कोविड-19 के दौरान ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म का भले ही विस्तार हुआ है, लेकिन देश में मल्टीप्लेक्स और सिनेमा घर का कोई विकल्प नहीं है। वेब सीरीज हो या फिल्म सभी के लिए सबसे महत्वपूर्ण कंटेंट है। लोग स्थानीय कंटेंट को पसंद करते है, लेकिन इसे कहने का तरीका आना चाहिए।

सुभाष घई ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म की वजह से अब किसी को प्रोड्क्शन हाउस के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। अब खुद एक्टर बन सकते है, डायरेक्टर बन सकते है। यदि कंटेंट में दम है तो उसे लोग हाथों हाथ लेंगे और वह फिर आमदनी का जरिया बन जाएगा।

नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और अभिलाषा प्रोड्क्शन की खास पेशकश आपकी बात द्वारा कोविड-19 के दौरान डिजिटल मीडिया का विस्तार : नए कौशल की संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय वेबिनार इनसाइट 8.0 का आयोजन किया। इसमें बतौर विशेषज्ञ व वक्ता मशहूर फिल्म निर्माता व शिक्षाविद सुभाष घई शामिल रहे।

भारत के इस मशहूर फिल्मकार के साथ ही वेबिनार में हॉलीवुड अभिनेता व निर्देशक एडवर्ड जेम्स ओल्मोस, अंतरराष्ट्रीय निमार्ता व एसोसिएटेड फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के कार्यकारी चेयरमैन स्टीवन जब्कोफ और मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर स्किल काउंसिल के सीईओ मोहित सोनी ने भी हिस्सा लिया।

इस पूरे वेबिनार का संचालन प्रोटाटेक के सीईओ व प्रेसिडेंट अब्राहम कुमार ने किया। वेबिनार में भारत के अलग-अलग शहरों के अलावा अमेरिका के लोगों ने भी हिस्सा लिया।

वक्ताओं ने इस वेबिनार में कोविड-19 के कारण उपजे स्थिति में डिजिटल मीडिया के विस्तार से पैदा हुए अवसर और सिनेमा के सामने चुनौतियों के बारे में बात कीं।

हॉलीवुड अभिनेता व निर्देशक एडवर्ड जेम्स ओल्मोस का कहना है, डिजिटल प्लेटफॉर्म की वजह से अब तकनीकी तौर पर सक्षम होने की जरूरत है। एक अच्छा अभिनेता बनने के लिए कैमरा, लाइटिंग और साउंड की अच्छी समझ होनी चाहिए। निर्देशक बनने के लिए भी ये बातें लागू होती हैं। तकनीक ने मोबाइल फिल्म की नई विधा को जन्म दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोबाइल से फिल्में बनकर फिल्म फेस्टिवल में आ रही हैं, लेकिन इसके लिए हुनर सीखने की जरूरत है।

अंतरराष्ट्रीय निर्माता व एसोसिएटेड फाइनेंशियल कॉरपोरेशन के कार्यकारी चेयरमैन स्टीवन जब्कोफ ने बताया कि अच्छे कंटेंट को खरीदने वालों की लंबी फेहरिस्त है। अगर स्टोरी में दम है तो उसे मुंह मांगे दाम मिल जाते है। ओटीटी प्लेटफॉर्म ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के निर्माताओं को दूसरी भाषाओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

वेबिनार में मौजूद मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर स्किल काउंसिल के सीईओ मोहित सोनी ने बताया कि युवाओं को नई स्किल सिखाने के लिए एमईएससी लगातार काम कर रही है। इसके लिए एक अलग प्लेटफॉर्म विद्यादान डॉट नेट शुरू किया गया है, जिसमें युवा अपनी पसंद के हिसाब से कोर्स कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन के लिए स्किल ट्रेनिंग बहुत ही जरूरी है। मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर में करियर की असीम संभावनाएं हैं।

वेबिनार के दौरान वक्ताओं ने बताया कि लॉकडाउन में मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन ओटीटी प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है। स्टैटिसटिक्स के आंकड़ों के अनुसार, ओटीटी प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू 2019 में 1200 करोड़ रुपये था। 2024 तक 7400 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। आने वाले वक्त में इसके कंटेंट से लेकर मार्केटिंग स्ट्रैटजी सभी में बदलाव होगा। इससे संभावनाओं का विस्तार होगा।

Created On :   4 July 2020 6:00 PM IST

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