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दैनिक भास्कर हिंदी: 'पद्मावती' पर SC की हिदायत, 'अनर्गल बयानबाजी न करें'
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। जिसमें कोर्ट ने वकील मनोहर लाल शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर चल रहे विवाद पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने विभिन्न संगठनों के नेताओं की अनर्गल बयानबाजी के लिए कहा है कि जब फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने सर्टिफिकेट नहीं दिया है, तो फिर जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग अनर्गल बयानबाजी क्यों कर रहे हैं। कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने की मांग करने वाली ताजा याचिका को भी खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाए या नहीं, इस पर सीबीएफसी को ही फैसला लेने दें।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और जस्टिस डी. वाई चन्द्रचूड की पीठ ने विदेश में भी फिल्म की रिलीज रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने वकील मनोहर लाल शर्मा पर इस तथ्य के मद्देनजर जुर्माना नहीं लगाया कि वह शीर्ष न्यायालय में अधिवक्ता हैं।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन (सीबीएफसी) ने अभी तक फिल्म को सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है। फिल्म बनने के बाद से ही लगातार विवादों से घिरी हुई है। अब तक फिल्म के कलाकारों को अलग-अलग धमकियां मिल चुकी है। जिसके मद्देनजर उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं। बीते दो दिन पहले ही राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में फिल्म ‘पद्मावती’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 20 महिलाओं समेत लगभग 300 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया था, हालांकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया।
जानकारी के अनुसार, राजपूतों संगठनों के दवाब के कारण एएसआई ने रानी पद्मावती के महल के पास इतिहास लिखे पत्थरों को ढंक दिया है। बता दें कि चित्तौड़गढ़ ही वह जगह है जहां अलाउद्दीन खिलजी और राजा रतन सिंह के बीच युद्ध हुआ था। फिल्म को लेकर लगातार राजपूतों द्वारा विरोध किया जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने भी सोमवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी के के मालवीय सभागार में फिल्म को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। महाकवि जयशंकर प्रसाद की पुण्य स्मृति पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संजय लीला भंसाली को इतिहास से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों का सही चित्रण न कर भारतीय संस्कृति की पवित्रता से खिलवाड़ किया। उन्हें इससे बचना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जयशंकर प्रसाद ने अपनी रचना कामायनी में वैदिक कालीन इतिहास का चित्रण बड़ी ही पवित्रता से किया।
झारखंड में भी निकाली गई आक्रोश रैली
वहीं झारखंड के झुमरीतिलैया में 'पद्मावती' फिल्म के विरोध में जिले के राजपूत समुदाय का आक्रोश सड़क पर देखा गया। यहां समाज के लोगों ने फिल्म के निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली का पुतला दहन किया। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि "अपनी वीरांगनाओं का अपमान क्षत्रिय समाज कतई सहन नहीं करेगा, यदि फिल्म निर्माता द्वारा इस फिल्म में आपत्तिजनक दृश्यों को हटाया नहीं गया तो पूरे देश के क्षत्रिय उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। मनोरंजन के नाम पर हमारे इतिहास के साथ छेड़छाड़ किया गया है इतिहास किसी भी देश की संस्कृति और उसके सभ्यता का दर्पण होता है। क्षत्रियों के गौरवपूर्ण इतिहास में छेड़छाड़ करना बहुत ही गंभीर है।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
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