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Health: 5 टिप्स जो आपको हर्ट फेलियर को मैनेज करने में मदद करेगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल की बीमारियां दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं। कुछ लोग अनियमित लाइफस्टाइल जबकि कुछ अत्यधिक तनाव के कारण इसका शिकार होते हैं। हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि दिल की बीमारी का शिकार होने के बाद भी आप डे-टू-डे लाइफ में बदलाव लाकर अपनी रूटीन को प्रबावित होने से बचा सकते हैं।
हर्ट फेल तब होता है जब हर्ट पर्याप्त रूप से ऑक्सीजन युक्त ब्लड पंप नहीं कर रहा होता है। इसके कुछ बुनियादी लक्षण सांस की तकलीफ, बार-बार खांसी आना (खासकर लेटते समय), पैरों, टखनों और पैरों में सूजन, पेट में सूजन और दर्द और थकान होती है। यहां हम आपको कुछ चीजें बता रहे हैं जिसे आपको हर्ट फेलियर को मैनेज करने के लिए डेली लाइफ में ध्यान ऱखना चाहिए।
1. नमक का सेवन सीमित करें: आपके भोजन में उच्च मात्रा में सोडियम क्लोराइड आपके रक्तचाप को बढ़ा सकता है। अपने भोजन में नमक जोड़ने के बजाय, आप सीजनिंग के लिए हर्ब या नींबू का उपयोग कर सकते हैं।
2. सेचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल का सेवन कम करें: अत्यधिक सेचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल से हृदय धमनियों में फ्लेक डिपोजिट के फॉर्मेशन का कारण बन सकता है। इससे आपको हार्ट अटैक हो सकता है।
3. तुरंत धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान करने से भी फ्लेक का निर्माण होता है, जिससे हृदय की मांसपेशियों को रक्त प्रवाह प्रभावित होता है। इसके अलावा, सिगरेट के धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड भी हृदय में रक्त के प्रवाह को प्रभावित करता है।
4. अपनी दवाइयों को कभी न छोड़ें: यदि आप दिल के मरीज हैं, तो आपके कार्डियोलॉजिस्ट ने आपको यह सुनिश्चित करने के लिए दवाएं दी होंगी कि आपके पैरामीटर स्थिर हों। इन दवाओं में डायूरेटिक्स, डिगॉक्सिन, वैसोडिलेटर आदि शामिल हो सकते हैं।
5. एक्टिव रहें: पैदल चलना, साइकिल चलाना, तैराकी और योग जैसे सरल व्यायाम अच्छे विकल्प हैं। ये सरल एक्टिविटीज सुनिश्चित करेंगी कि आप फिट हैं।
यदि आप सांस फूलने का अनुभव कर रहे हैं, तो छोटे-छोटे अंतराल में व्यायाम करने का प्रयास करें। हालांकि, इनमें से किसी भी एक्सरसाइज को शुरू करने से पहले, सुनिश्चित करें कि आपने अपने डॉक्टर से सलाह ली है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।