खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम होगा कारगर

IIT Research: Desalination system will be effective to convert salt water into drinking water
खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम होगा कारगर
आईआईटी रिसर्च खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम होगा कारगर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईआईटी जोधपुर के शोधकर्ताओं ने एक तकनीक का पता लगाया है जिसके तहत इन्फ्रा रेड थर्मल इमेजिंग से ब्वाइलिंग और कंडेनसेशन हीट ट्रांस्फर की माप की जा सकती है। इसकी एक बड़ी विशेषता यह है कि इस रिसर्च से खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम कई तरह से कारगर होगा। साथ ही उद्योग जगत में मल्टी-इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम के कई उपयोग हैं।

आईआईटी जोधपुर के मुताबिक इस शोध का खास मकसद मल्टीफेज फ्लो में फ्लुइड फ्लो और टेम्परेचर डिस्ट्रिब्यूशन की परिकल्पना और ब्वाइलिंग और कंडेनसेशन के दौरान हीट ट्रांस्फर की दर और हीट ट्रांस्फर कोफिसियंट को मापना था।

शोधकर्ताओं ने संस्थान में ही मल्टी-इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम तैयार किया है जो लिक्विड गैस फ्लो की टोमोग्राफी और वैक्यूम वाष्पीकरण प्रक्रिया और ब्वाइलिंग सिस्टम से डीसैलिनेशन की कारगर प्रक्रिया सुनिश्चित करेगा।

इस शोध कार्य में आईआईटी जोधपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ हार्दिक कोठाड़िया और डॉ अरुण कुमार और उनके छात्र सर्वजीत सिंह, अरविंद कुमार, बिकाश पटनायक, अनूप एसएल, आस्था गौतम और अन्य फैकल्टी मेंबर, डॉ प्रोद्युत रंजन चक्रवर्ती, डॉ साक्षी धनेकर और डॉ कमलजीत रंगरा शामिल थे।

यह शोध इंटरनेशनल जर्नल ऑफ थर्मल साइंसेज में प्रकाशित किया गया है। इसमें आंशिक आर्थिक सहयोग रक्षा मंत्रालय ने बतौर टेक्नो कमर्शियल प्रोजेक्ट और थर्मैक्स एसपीएक्स एनर्जी टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने दिया है।

यह प्रायोगिक शोध फ्लो ब्वाइलिंग के दौरान लोकल हीट ट्रांस्फर प्रेशर ड्रॉप और क्रिटिकल हीट फ्लक्स पर कॉइल ओरिएंटेशन का प्रभाव जानने के लिए किया गया है। इसमें अलग अलग डायमीटर के एसएस 304 ट्यूबों के साथ होरिजोंटल और वर्टिकल ओरिएंटेशन का उपयोग किया गया। शोध के निष्कर्षो से यह सामने आया कि कॉइल्स के ओरिएंटेशन का टू फेज प्रेशर ड्रॉप पर खास प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन वाल टेम्परेचर हीट ट्रांस्फर डिस्ट्रिब्यूशन और क्रिटिकल हीट फ्लक्स पर इसका प्रभाव पड़ा है। शोध में यह देखा गया कि होरिजंटल की तुलना में वर्टिकल ओरिएंटेड होने के मामले में लोकल और एवरेज हीट ट्रांस्फर कोफिसियंट अधिक था।

शोध की मुख्य विशेषताए यह है कि इससे इन्फ्रा रेड थर्मल इमेजिंग तकनीक से ब्वाइलिंग हीट ट्रांस्फर की माप हो सकती है। खारे पानी को पेयजल में बदलने का डीसैलिनेशन सिस्टम जो कई तरह से कारगर होगा। मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम से औद्योगिक कार्य में फ्लो मिक्सिंग का अध्ययन हो सकेगा। मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम से स्टीम वाटर टू फेज फ्लो के दौरान वाइड फ्रैक्शन और स्टीम की गुणवत्ता की माप संभव हो पाएगी।

इस शोध की अहमियत बताते हुए आईआईटी जोधपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ हार्दिक कोठाड़िया ने कहा इन्फ्रारेड थर्मल इमेजिंग और मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम टेम्परेचर डिस्ट्रिब्यूशन और मल्टीफेज फ्लो की परिकल्पना करने की विशिष्ट तकनीकियां हैं।

आईआईटी जोधपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार आर. ने बताया कि फ्लुइड फ्लो और फ्लो मिक्सिंग के विश्लेषण के मकसद से उद्योग जगत में मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम के कई उपयोग हैं।

इस शोध का अंतिम लक्ष्य सोलर थर्मल डीसैलिनेशन सिस्टम का विकास करना और विभिन्न औद्योगिक कार्यों में फ्लुइड मिक्सिंग और गैस लिक्विड फ्लो की परिकल्पना करना है। शोधकर्ताओं को यह उम्मीद है कि भविष्य में इस शोध का लाभ लेकर मल्टी इलेक्ट्रोड सेंसर सिस्टम और मल्टी इफेक्ट डिसेलिनेशन सिस्टम विकसित कर पाएंगे।

(आईएएनएस)

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Created On :   24 April 2023 2:00 PM IST

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