इस तरह का कैंसर बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है। इस तरह के कैंसर में बच्चों को तेज बुखार और थकान जैसे सिम्टम्स देखने को मिलते हैं।
- किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे पर नाकाबंदी, नहीं चढ़ सकेंगे ट्रैक्टर
- पटियाला में किसानों ने रोकी फिल्म की शूटिंग, जाह्नवी कपूर टीम समेत होटल लौटीं
- लालू प्रसाद यादव को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया
- दिल्ली में सोमवार से गुरुवार तक घने कोहरे की संभावना: मौसम विभाग
- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 27 और 28 जनवरी को करेंगे केरल का दौरा
International Childhood Cancer Day: बच्चों को हो सकते हैं इस तरह के कैंसर, ऐसे करें बचाव

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। कैंसर जैसी भयानक बीमारी सिर्फ बड़ो में ही नहीं, कई बार बच्चों में भी देखने को मिलती है। दुनिया में हर साल 1 लाख 75 हजार बच्चों की मौत सिर्फ कैंसर की वजह से हो जाती है। यह आकड़ा हर साल बढ़ता ही जा रहा है। इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए हर साल 15 फरवरी को अंतराष्ट्रीय चाइल्डहुड कैंसर डे सेलिब्रेट किया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2002 में की गई थी। आज इस खास दिन पर जानते हैं कि बच्चों में कितने तरह के कैंसर हो सकते हैं।
यह भी पढ़े: रोजाना करें पार्टनर को हग, इन बीमारियों से रहेंगे दूर


इस तरह के कैंसर को आम भाषा में बोन कैंसर कहा जाता है। इस कैंसर की शुरुआत में बच्चे की हड्डियों में दर्द, थकान, कमजोरी और त्वचा का पीला पड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। बड़ों के मुकाबले यह कैंसर बच्चों में 30 प्रतिशत ज्यादा होता है।

इस तरह का कैंसर ज्यादातर न्यू बोर्न बेबी में देखने को मिलता है। ऐसा बहुत कम होता है कि यह 10 साल से अधिक उम्र के बच्चों में दिखाई दे।

इसके अलावा बच्चों में ब्रेन ट्यूमर, बोन कैंसर, रेटिनोब्लास्टोमा यानि आंखों का कैंसर भी होता है।

- न्यू बोर्न बेबी को कैंसर से बचाने के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- बच्चों की साफ सफाई और खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- अगर बच्चों को हड्डियों में दर्द की शिकायत हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- बच्चों को हुई छोटी-मोटी बीमारी जैसे खांसी-जुकाम को इग्नोर न करें।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।