India in Trump Tariff Row: ट्रंप के एक्स्ट्रा टैरिफ पर भारत रोकी करोड़ों की हथियार-एयरक्राफ्ट डील! जानें केंद्र सरकार ने क्या कहा

ट्रंप के एक्स्ट्रा टैरिफ पर भारत रोकी करोड़ों की हथियार-एयरक्राफ्ट डील! जानें केंद्र सरकार ने क्या कहा

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी के एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने के बाद भारत ने अमेरिका के हथियारों और एयरक्राफ्ट खरीदने वाले प्लान को आगे बढ़ाने से रोक दिया है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने यह फैसला अमेरिकी राष्ट्रपति के एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने के बाद लिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट ने सरकार के तीन अधिकारियों के हवाले से इसकी पुष्टि की।

    रक्षा मंत्रालय ने दावों को गलत साबित किया

    वहीं, दूसरी ओर, भारत के रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने विदेशी मीडिया की खबरों को पूरी तरह से गलत साबित किया है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो, स्ट्राइकर को खरीदने के लिए अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। साथ ही जैवलिन मिसाइल की खरीद को लेकर भी अभी तक कोई आधिकारिक प्रस्ताव अमेरिका से नहीं मिला है। इतना ही नहीं, बल्कि राजनाथ सिंह की अमेरिकी यात्रा को लेकर कोई तारीख अभी तक सामने नहीं आई है। ऐसे में आखिरी निर्णय लेना बाकी है।

    दरअसल, आगामी कुछ दिनों में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिकी दौरे पर इन हथियारों का सौदा होना था। इनमें जनरल डायनमिक्स के स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल, एंटी-टैंक मिसाइल जेवलिन और भारतीय नौसेना के लिए 6 बोइंग P8I टोही विमानों की खरीद शामिल थी। रिपोर्ट के अनुसार, ये हथियारों की खरीद का ये सौदा 3।6 बिलियन डॉलर का था, जिस पर फिलहाल प्रश्न चिन्ह लग गया है। इस रिपोर्ट में अधिकारियों ने ये भी दावा किया कि राजनाथ सिंह का अमेरिका दौरा भी रद्द कर दिया गया है।

    ट्रंप ने भारत पर 50 परसेंट टैरिफ लगाने का किया ऐलान

    बता दें, डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूस से तेल आयात करने को लेकर भारत पर लगाए गए 25 परसेंट के अतिरिक्त टैरिफ को दोगुना कर 50 परसेंट करने का ऐलान किया है। ट्रंप की ओर से भारत पर 50 परसेंट अतिरिक्त टैरिफ की घोषणा अमेरिका के किसी भी व्यापारिक साझेदार पर लागू सबसे ज्यादा टैरिफ रेट्स में से एक है। हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप का रिकॉर्ड रहा है कि वह अपने घोषित किए गए टैरिफ को जल्द ही वापस ले लेते हैं। लेकिन अधिकारियों ने रॉयटर्स से कहा है कि एक बार द्विपक्षीय संबंधों की दिशा और व्यापार नीतियां पूरी तरह स्पष्ट हो जाएं, उसके बाद रक्षा समझौता फिर से शुरू हो सकती है। हालांकि, फिलहाल इसमें किसी तरह की प्रगति नहीं हुई है।

    उधर, ट्रंप की ओर से लगाए गए टैरिफ की निंदा पर कहा कि उस अनुचित ढंग से निशाना बनाया जा रहा है। जबकि खुद अमेरिका और यूरोपीय देश अपने हितों को देखते हुए मॉस्को के साथ व्यापार को जारी रखे हुए हैं।

    Created On :   8 Aug 2025 8:07 PM IST

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