रहस्यमयी मौत!: नवलनी की मौत से पहले, पुतिन के खिलाफ जाने वाले इन आलोचकों को भी उतारा गया मौत के घाट, जानिए कौन हैं ये लोग

नवलनी की मौत से पहले, पुतिन के खिलाफ जाने वाले इन आलोचकों को भी उतारा गया मौत के घाट, जानिए कौन हैं ये लोग
  • रूस के जेल में विपक्षी नेता एलेक्स नवलनी की हुई मौत
  • पुतिन के थे कट्टर आलोचक
  • राष्ट्रपति के खिलाफ जाने पर इन लोगों का भी हुआ यही हाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस में शुक्रवार को जेल में विपक्ष के नेता एलेक्स नवलनी की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई है। इस घटना के बाद से रूस में तनाव बढ़ गया है। एलेक्स नवलनी को राष्ट्रपति पुतिन का कट्टर आलोचक माना जाता था। इससे पहले खबरें थी कि एलेक्स नवलनी को जहर देकर मारने का प्रयास किया गया था। हालांकि, रूस में इस तरह की घटना घटित होना कोई नई बात नहीं है। दरअसल, इससे पहले भी रूस में पुतिन के आलोचकों की रहस्यमयी मौत होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। एलेक्स की मौत से पहले रूस में वैगनर चीए की प्लेन हादसे में मौत हो गई थी। राष्ट्रपति पुतिन के 23 सालों के कार्यकाल में क्रेमलिन के आलोचकों को खूफिया तौर पर हत्या की जा चुकी है। इस कड़ी में जर्नलिस्ट से लेकर खूफिया जासूस तक के नाम शुमार हैं। ऐसे में आइए जानते हैं इनके बारे में

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पुतिन के आलोचकों की सूची

पुतिन को लेकर ऐसा कहा जाता है कि उनकी आलोचना करने वाले लोगों को मारने के लिए अगल-अलग हथकंडे अपनाएं जाते हैं। इन हथकंड़ो को इस तरह से अंजाम दिया जाता है, मरने वाले शख्स की मौत पर कोई सवाल तक नहीं उठा सकता है। पुतिन के सबसे कट्टर आलोचकों में से एक एलेक्जेंडर लित्विनेको थे, जिन्हें साल 2006 में जहर खिलाकर मार दिया गया था। इस घटना को लेकर ब्रिटिश जांच में भी खुलासा हुआ था कि लित्विनेको को रूसी एजेंट्स ने पुतिन के इशारों पर जान से मार गिराया था। इसी तरह पूर्व रूसी मिलिट्री इंटेलीजेंस के अधिकारी सर्गेई को भी जहर देने घटना सामने आई थी। इस कड़ी में रूस के दो लेखकों दिमित्री बाइकोव और पायोत्र वर्जिलोव को भी जहर ही दिया गया था। वहीं, पुतिन के खिलाफ बोलने वाले क्रेमलिन के तीन रूसी को अलग जगहों पर जहर देकर मौत के घाट उतार दिया गया था।

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बेहद दर्दनाक थी इन लोगों की मौत

रहस्यमयी मौत की सूची में अगला नाम अन्ना पोलिटकोव्स्काया है, जिसने ह्यूमन राइट्स के खिलाफ खबरें लिखी थी। जिसके चलते साल 2006 मॉस्को स्थित घर के बाहर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। साल 2015 रूस के एक जाने माने विपक्षी नेता बोरिस नेम्तसोव को भी मॉस्को में गोलियां से दाग कर हत्या कर दी थी। बता दें, वह रूस के पूर्व राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के शासनकाल में डिप्टी प्राइम मिनिस्टर का कार्यभार संभाल चुके थे। इससे पहले साल 2013 में बोरिस बेरेजोव्स्की की लाश को फांसी के फंदे से झूलती मिली थी। कहा जाता है कि पहले बोरिस क्रेमलिन के इनसाइडर थे। मगर, बाद में वह पुतिन के आलोचक बन गए थे। इतना ही नहीं, साल 2015 में वॉशिंगटन डीसी के एक होटल के कमरे में क्रेमलिन के ही एक अन्य इनसाइडर मिखाइस लेसिन की लाश पाई गई थी। एक समय पर लेसिन की गिनती पुतिन की छवि उभारने वाला शख्सियतों में शामिल किया जाता था।

पुतिन के आलोचकों में एक किरिल स्ट्रेमॉसोव की मौत को सबसे दर्दनाक मौतों में से एक माना जाती है। उन्हें रूस की ओर से यूक्रेन के खेरासन प्रांत का डिप्टी गवर्नर बनाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक दर्दनाक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी। स्ट्रेमॉसोव अपने बेबाक बयान और सोशल मीडिया पर रिएक्शन के लिए मश्हूर थे। उन्होंने एक वीडियो जारी कर रूसी रक्षामंत्री से कहा था कि वह अपने आप को गोली मार देंगे। स्ट्रेमॉसोव के इस बयान के बाद ऐसा कहा जाने लगा कि रूस की सरकार उनसे अपना पीछा छुड़ाना चाहती थी। वहीं, साल 2015 से 2017 के बीच रूस की सरकार के शासनकाल में एक अहम विपक्षी नेता रहे व्लादिमीर कार-मुर्जा को भी जहर देकर मारे की साजिश रची गई थी।

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Created On :   16 Feb 2024 5:28 PM GMT

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