मालदीव इलेक्शन: तनाव के बावजूद भारत पहुंचेगी मालवदीव चुनाव की मतपेटियां, क्या है इसके पीछे बड़ी वजह?

तनाव के बावजूद भारत पहुंचेगी मालवदीव चुनाव की मतपेटियां, क्या है इसके पीछे बड़ी वजह?
  • इस साल मालीदव में होंगे आम चुनाव
  • चुनाव के मद्देनजर भारत समेत दो देशों में जाएंगी मतपेटियां
  • द्विपीय देश की 93 सीटों पर होगी वोटिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत से चल रहे राजनयिक विवाद के बीच द्विपीय देश मालदीव में 21 अप्रैल को आम चुनाव का आगाज होने वाला है। मालदीव के चुनाव आयोग के मुताबिक, मालदीव में लोकसभा चुनाव के लिए मतपेटियों को भारत सहित तीन देशों में पहुंचाया जाएगा। इसका मतलब यह कि वोटिंग को मालदीव के बाहर भी कराया जाएगा। हाल ही में आगामी चुनाव के लिए मालदीव के 11 हजार नागरिकों ने पोलिंग बूथ को ट्रांसफर करने को संबंध में री-रजिस्ट्रेशन की मांग की थी। इसे लेकर मालदीव के लोकल मीडिया में खबरें भी छापी गई है। जिसमें बताया गया है कि द्विपीय देश में 21 अप्रैल के आम चुनावों में लोगों की ओर से दी गई पोलिंग बूथ को ट्रांसफर करने की 6 दिन की अवधि शनिवार तक समाप्त हो जाएगी।

चुनाव आयोग की ओर से बताया गया कि मालदीव में लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल होने वाली मतपेटियां केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम, मलेशिया के कुआलालंपुर और श्रीलंका के कोलंबो में पहुंचाई जाएंगी। ताकि, तीन देशों में से हर देश में न्यूनतम 150 वोटिंग को री-रजिस्ट्रेशन कराया जा सके।

150 नागरिकों ने कराए रिजिस्ट्रेशन

इस बारे में ऑनलाइन न्यूज ऑउटलेट 'अदाधू डॉट कॉम' ने एक खबर पब्लिश की है। इसमें मालदीव के निर्वाचन आयोग महासचिव हसन जकारिया ने बताया, "पहले की तरह, श्रीलंका और मलेशिया में कई लोगों ने पंजीकरण कराया है। भारत के तिरुवनंतपुरम में 150 लोगों ने पंजीकरण कराया है, इसलिए हमने वहां एक मतपेटी रखने का फैसला किया है।"

आम चुनाव को तय समय पर संपन्न कराने के सिलसिले में निर्वाचन आयोग को मतदान केंद्रों से जुड़े 11,169 पत्र मिले हैं। इसमें लोगों ने पोलिंग बूथ पर री- रिजिस्ट्रेशन का मांग की है। वहीं, 'एडिशन डॉट एमवी' की न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग की ओर से 1,141 को रिजेक्ट किया जा चुका है। ऐसे में रिजिस्ट्रेनशन से जुड़े आवेदन की संख्या 10,028 हो गई हैं।

आम चुनाव की बदली तारीख

उधर, निर्वाचन आयोग के महासचिव हसन जकारिया ने बीते सालों की तुलना में इस बार के आम चुनाव में री-रिजिस्ट्रेशन की घटती संख्या की बात कही। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), थाईलैंड और ब्रिटेन में वोटिंग नहीं होगी। बता दें, मालदीव में रविवार को आम चुनाव होने वाले थे। मगर, रमजान के पर्व को देखते हुए चुनाव की तारिखों को कुछ समय के लिए स्थागित कर दिया गया है। ऐसे में अब 21 अप्रैल को आम चुनाव होंगे।

मालदीव के आम चुनाव को लेकर न्यूज पोर्टल 'सनडॉटएमवी' ने खबर प्रकाशित की है। इसमें बताया गया है कि द्विपीय देश की 93 संसदीय सीटों पर कुल 39 कैडिंडेट्स चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। इनमें से अधिकांश कैंडिडेट्स भारत समर्थक और मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के हैं। पार्टी ने 90 सीटों पर कैंडिडेट्स उतारे हैं। वहीं, आम चुनाव के लिए प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) सत्ताधारी गठबंधन में हैं। यह 89 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है। गौरतलब है कि, साल 2023 में चीन समर्थक और मालीदव के राष्ट्रपति मोहम्मद ने चुनाव जीता था। उन्होंने भारत विरोधी अभियान के तहत चुनाव में जीत हासिल की थी। इस बार वह पीएनसी के साथ चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

Created On :   18 March 2024 2:49 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story