गाजा में भूख और मौत का तांडव: इजराइल ने गाजा में और अधिक सख्त सैन्य कार्रवाई के दिए संकेत, देश के पूर्व सेना प्रमुखों और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने पीएम नेतन्याहू के फैसले का किया विरोध

इजराइल ने गाजा में और अधिक सख्त सैन्य कार्रवाई के दिए संकेत, देश के पूर्व सेना प्रमुखों और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने पीएम नेतन्याहू के फैसले का किया विरोध
  • प्रधानमंत्री नेतन्याहू का रुख और आलोचना
  • सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जमीर और पीएम नेतन्याहू के बीच मतभेद
  • सीमित संख्या में स्थानीय व्यापारियों को सामान लाने की अनुमति दी जाएगी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में और अधिक सख्त सैन्य कार्रवाई के संकेत दिए, जिसका उन्हीं के देश के पूर्व सेना प्रमुखों और खुफिया एजेंसियों के सीनियर ऑफिसर पीएम के फैसले की आलोचना करते हुए विरोध कर रहे हैं। पीएम और सेना प्रमुख के बीच गाजा को पूरी तरह कब्जे में लेने को लेकर मतभेद भी सामने आए है।

पीएम नेतन्याहू चाहते हैं कि इजराइली सेना पूरे गाजा पर नियंत्रण करे, जबकि सेना चीफ इसके खिलाफ हैं क्योंकि इससे बंधकों की जान को खतरा हो सकता है ,मानवीय संकट और गहरा सकता है। साथ ही इजराइल की अंतरराष्ट्रीय छवि और अधिक खराब हो सकती है। कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि अगर पीएम नेतन्याहू ने यह फैसला थोप दिया, तो जमीर इस्तीफा भी दे सकते हैं।

गाजा में कई लोग भूख से तड़प रहे हैं, कइयों की तड़पने से मौत हो गई, साथ ही हजारों लोगों की जान खाने के सामान के लिए जोखिम में हैं। गाजा के निवासी अब हर दिन मौत और भूख के बीच जी रहे हैं । अस्पतालों के बाहर मातम पसरा हुआ है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक युद्ध में मारे गए फिलिस्तीनियों की संख्या 61,000 से अधिक हो चुकी है।

पूर्व शिन बेट प्रमुख योराम कोहेन ने कहा हर आतंकवादी को मारना, हर हथियार को ढूंढ निकालना और साथ ही सभी बंधकों को सुरक्षित वापस लाना - ये सब एक कल्पना है। ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार के कुछ अति-दक्षिणपंथी सदस्य देश को युद्ध में उलझाए रख रहे हैं। आपको बता दें गाजा में दिन प्रतिदन हालात बदतर होते जा रहे है।

आपको बता दें पीएम नेतन्याहू ने एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई जिसमें युद्ध के अगले चरण पर चर्चा हुई। नेतन्याहू ने संकेत दिया कि सैन्य कार्रवाई और तेज हो सकती है। इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद बराक, शिन बेट (आंतरिक सुरक्षा एजेंसी), मोसाद (जासूसी एजेंसी) और सेना के पूर्व प्रमुखों ने इसकी आलोचना करते हुए विरोध किया है।

Created On :   6 Aug 2025 8:45 AM IST

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