काम के प्रेशर ने ली रिपोर्टर की जान, मौत के 4 साल बाद हुआ खुलासा

डिजिटल डेस्क, टोक्यो। जापान एक ऐसा देश, जो हर मामले में हमसे कई गुना आगे हैं। दुनिया की बेस्ट टेक्नोलॉजी जापान के पास है। जापानी इतने मेहनती होते हैं, जो एक हफ्ते में कई किलोमीटर की सड़क बनाकर तैयार कर सकते हैं। इसका कारण है, ओवरटाइम। जापानी लोग बाकी देशों के मुकाबले ज्यादा ओवरटाइम करते हैं। यही ओवरटाइम कई बार उनकी मौत का कारण भी बन जाता है। ऐसा ही कुछ आज से 4 साल पहले भी हुआ, जब एक महिला पत्रकार की हार्ट अटैक से मौत हो गई। कई सालों तक उसकी मौत की वजह हार्ट अटैक को ही बताया जा रहा है, लेकिन जांच करने के बाद पाया गया है कि उसकी मौत ओवरटाइम करने की वजह से हुई थी। उस महिला पत्रकार ने महीने भर तक इतना ओवरटाइम किया, कि उसकी जान ही चली गई।
चैनल में पॉलिटिकल रिपोर्टर थी महिला
जापान में एक महिला की जान सिर्फ इसीलिए चली गई, क्योंकि उसने 159 घंटों का ओवरटाइम किया था। इस महिला का नाम मिवा सादो था, जो एक न्यूज चैनल में पॉलिटिकल रिपोर्टर थी। मिवा की मौत जुलाई 2013 में हार्ट अटैक से हो गई थी। मिवा की मौत के बाद जब जांच की गई तब पता चला कि उसकी मौत 159 घंटों तक ओवरटाइम करने की वजह से हुई थी। लेबर इंस्पेक्टर्स ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है, कि मिवा की जान ओवरटाइम की वजह से गई। जापानी मीडिया के मुताबिक 31 साल की मिवा ने 30 दिन में सिर्फ 2 बार ही छुट्टी ही ली थी और इस वजह से उसकी मौत "कारोशी" यानी ओवरटाइम की वजह से हो गई।
इलेक्शन कवर करने के 3 दिन बाद हो गई मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मिवा सादो जापान के नेशनल ब्रोडकास्टर NHK चैनल में बतौर पॉलिटिकल रिपोर्टर काम करती थी। मिवा ने जून 2013 में हुए लोकल इलेक्शन को कवर किया था और लगातार उसकी रिपोर्टिंग करने में लगी रहती थी। इलेक्शन कवर होने के 3 दिन बाद मिवा की मौत हो गई। शुरुआत में मिवा की मौत का कारण हार्ट अटैक को बताया जा रहा था, लेकिन उसकी मौत के एक साल बाद पता चला कि उसकी मौत ओवरटाइम की वजह से हुई। हालांकि उस समय चैनल ने मिवा की मौत के बारे में खुलासा नहीं किया और जब लगातार मिवा के परिवार की तरफ से प्रेशर डाला गया, तब जाकर चैनल ने मिवा की मौत के 4 साल बाद इस बात का खुलासा किया है। मिवा की मौत ने एक बार फिर से जापान को इंटरनेशनल लेवल पर बदनाम कर दिया। जापान हमेशा से ओवरटाइम के लिए बदनाम माना जाता है और जापान में लोग ओवरटाइम करते हैं।
100 घंटे काम करने से भी जा चुकी है एक शख्स की जान
मिवा की मौत का राज 4 साल बाद चला, लेकिन इससे पहले 2015 में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जब एक शख्स की मौत भी ओवरटाइम की वजह से गई थी। इस मामले में 2015 में एडवर्टाइजिंग एजेंसी में काम करने वाले एक एंप्लॉय की 100 घंटे ओवरटाइम करने के चलते मौत हो गई थी। इसके बाद देश में वर्क कल्चर को बदलने की मांग तेजी से बढ़ गई थी। एक सर्वे के मुताबिक जापान में 20% लोगों पर "कारोशी" यानी ओवरटाइम के कारण मौत होने का खतरा है। ये लोग महीने में 80 घंटे से ज्यादा ओवरटाइम करते हैं।
Created On :   6 Oct 2017 2:12 PM IST