पाक के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

डिजिटल डेस्क,इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पनामा पेपर लीक में भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए थे। मामले में गुरुवार को पाकिस्तान की एक कोर्ट ने नवाज शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। नवाज शरीफ इस वक्त लंदन में हैं। उनके खिलाफ ये वारंट के भ्रष्टाचार के दो मामलों में जारी किया गया है। फिलहाल लंदन में नवाज की पत्नी कुलसुम शरीफ का कैंसर का इलाज चल रहा है। बता दें जब से नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, तब से ही वो पाकिस्तान से बाहर हैं। हालांकि उनके वकीलों की ओर दावा किया जा रहा है कि वो जल्द ही पाकिस्तान लैटने वाले हैं।
एकाउंटेबिलिटी कोर्ट ने जारी किया वारंट
कुछ ही दिन पहले नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज के खिलाफ कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में आरोप तय कर दिए थे। नवाज के एक वकील जाफिर खान ने न्यूज एजेंसी AFP को बताया कि "एकाउंटेबिलिटी कोर्ट ने कथित भ्रष्टाचार के दो मामलों में आज पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।
नवाज शरीफ के परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में की गई जांच के बाद 28 जुलाई को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अयोग्य करार दिया था। नवाज के दोषी पाए जाने के बाद वो पाक के ऐसे 15वें प्रधानमंत्री बन गए, जिन्हें कार्यकाल पूरा होने से पहले बर्खास्त कर दिया गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ ये सभी आरोप पिछले साल पनामा पेपर लीक के बाद सामने आए थे। मीडिया में उनके शान-ओ-शौकत भरी लाइफस्टाइल और उनके परिवार के नाम लंदन में कीमती संपत्ति को लेकर मीडिया में काफी कुछ कहा गया था।
नवाज शरीफ तीन बार बने पाक PM
नवाज शरीफ तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। पहली बार उन्हें राष्ट्रपति कायार्लय के जरिए, दूसरी बार सेना के जरिए और अब तीसरी बार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री के पद से हटना पड़ा है।
शरीफ 1949 में लाहौर के अमीर उद्योगपति परिवार में पैदा हुए और उनकी शुरुआती शिक्षा अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में ही हुई। उन्होंने पंजाब विश्विवद्यालय से कानून की पढ़ाई की और फिर पिता की इस्पात कंपनी के साथ जुड़ गए। सैन्य शासक जियाउल हक के समय वो पहले वित्त मंत्री बने और फिर पंजाब के मुख्यमंत्री बने। फिर 1990 में वो पहली बार प्रधानमंत्री बने।
शरीफ दूसरी बार 1997 में राष्ट्रपति बने, लेकिन 1999 में परवेज मुशर्रफ ने तख्तापलट कर उन्हें अपदस्थ कर दिया था। शरीफ ने 2013 में एकबार देश की कमान संभाली। अपने तीसरे कार्यकाल में शरीफ ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे "सीपेक" सहित कई विकास परियोजनाओं को शुरू किया। उनकी एक और बड़ी उपलब्धि सैन्य अभियान "जर्ब-ए-अज्ब" है जो 2014 में शुरू किया गया था। सेना के इस अभियान का मकसद उत्तरी वजीरिस्तान और दक्षिण वजीरिस्तान से आतंकवादियों का सफाया करना था।
Created On :   26 Oct 2017 2:40 PM IST