भारत के समर्थन में आया कनाडा का विपक्षी दल, सदन में पेश किया निंदा प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क, टोरंटो। इन दिनों कनाडा की राजनीति में खालिस्तानी अलगाववाद के मुद्दे पर घमासान छिड़ा हुआ है। पीएम जस्टिन ट्रूडो के दावे के बाद कनाडा की विपक्षी पार्टी भी भारत के समर्थन में आ गई है। इसे लेकर एक प्रस्ताव भी सदन में रखा गया है। दरअसल ट्रूडो के भारत दौरे के दौरान कनाडाई हाई कमिश्नर ने नई दिल्ली में एक स्पेशल डिनर रखा था। इस डिनर में खालिस्तान सपोर्टर जसपाल अटवाल को भी इनवाइट किया गया था। ट्रूडो ने अपने देश पहुंचकर इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था।
ये कहा गया है प्रस्ताव में
विपक्षी कन्जर्वेटीव पार्टी ने भारत की एकता का समर्थन करने और खालिस्तानी अलगवाद की निंदा करने का प्रस्ताव कनाडा की सदन में पेश किया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि..
- कनाडाई सिख और भारतीय मूल के कनाडाई लागों का देश के महत्व में दिए गए योगदान का सम्मान करते हैं।
- किसी भी प्रकार के आतंक, चाहे वह खालिस्तानी चरमपंथ ही क्यों न हो और ऐसे किसी भी व्यक्ति की निंदा करते हैं, जो भारत में अलगाव की बात कर खालिस्तान का समर्थन करता है।
- हम भारत की एकता के साथ खड़े हैं।
- विपक्षी पार्टी के नेता एंड्रयू शीर ने भारत पर लगे आरोपों को "विचित्र" बताते हुए ट्रूडो से पूछा, "क्या प्रधानमंत्री अपनी षड़यंत्र की थ्योरी के पक्ष में कोई सबूत पेश करेंगे?"
ट्रूडो का भारत पर आरोप
इससे पहले कनाडा में पीएम ट्रूडो के दफ्तर ने मीडिया के लिए प्रेस ब्रीफिंग का आयोजन किया था। इस प्रेस ब्रीफिंग में कनाडाई सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अटवाल की मौजूदगी के पीछे भारत के सुरक्षा एजेंसियों का हाथ था जो कि नहीं चाहते थे कि पीएम मोदी के साथ ट्रूडो सरकार के गहरे रिश्ते दिखे। इसलिए कनाडाई सरकार की छवि खराब करने के लिए यह सब किया गया। कनाडाई संसद में जब ट्रूडो से इस पर विपक्षी सांसदों ने सवाल किया तो, उन्होंने अधिकारी के बयान का समर्थन कहते हुए कहा, जब हमारी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ऐसा कुछ कहते हैं तो वह जानते हैं कि सच बोल रहे हैं।
भारत की आपत्ति
जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ""हमने जसपाल अटवाल को कनाडा के प्रधानमंत्री के सम्मान में रखे गए भोज समेत दो कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के विषय पर कनाडा की संसद में चर्चा को देखा है। उन्होंने कहा, ""हम पूरी तरह से स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि सुरक्षा एजेंसियों समेत भारत सरकार का मुम्बई में कनाडा उच्चायोग की ओर से आयोजित समारोह में जसपाल अटवाल की मौजूदगी या नई दिल्ली में आयोजित भोज में उसे आमंत्रित करने से कोई लेना देना नहीं है। कुमार ने कहा, ""इस बारे में कोई भी अटकल आधारहीन और अस्वीकार्य है।
ट्रूडो है खालिस्तान सपोर्टर?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर खालिस्तान सपोर्टर होने के आरोप लगते रहे हैं। भारत में कनाडाई पीएम को नजरअंदाज करने के पीछे इसे भी एक वजह माना जा रहा है। मौजूदा कनाडाई पीएम के भारत दौरे पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी खालिस्तानी सपोर्टरों के प्रति नरमी रखने के आरोप लगाते हुए उनसे मिलने से इनकार कर दिया था। हालांकि बाद में बुधवार (21 फरवरी) को अमरिंदर ने ट्रूडो के साथ एक होटल में 40 मिनट तक बात की थी। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में अमरिंदर सिंह ने ट्रूडो को 9 खालिस्तानी आतंकियों की लिस्ट सौंपकर उन पर कार्रवाई करने की मांग की है।
Created On :   1 March 2018 6:36 PM IST