मध्यावधि चुनाव हारने की कगार पर हैं बाइडेन व डेमोक्रेट

Biden and Democrats are on the verge of losing the midterm elections
मध्यावधि चुनाव हारने की कगार पर हैं बाइडेन व डेमोक्रेट
अमेरिका मध्यावधि चुनाव हारने की कगार पर हैं बाइडेन व डेमोक्रेट
हाईलाइट
  • परिणामों और पूवार्नुमानों का राजनीतिक हलकों में एक संदेश

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। ऐतिहासिक रूप से व्हाइट हाउस पर नियंत्रण वाली पार्टी को मौजूदा राष्ट्रपति के पहले कार्यकाल में अमेरिकी कांग्रेस का मध्यावधि चुनाव हारने के लिए जाना जाता है। वर्ष 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ ऐसा होने पर उनके पास एक शब्द था शेलैकिंग।

व्हाइट हाउस में अपने नेता जो बाइडेन के साथ डेमोक्रेट्स को प्रतिनिधि सभा में हार की आशंका है। वर्तमान में समान रूप से विभाजित सीनेट पर किसी का भी बहुमत हो सकता है। इस सदन पर पूर्ण नियंत्रण के लिए दोनों दलों को अपनी संख्या में केवल एक का इजाफा करना है।

वर्तमान में डेमोक्रेट व्हाइट हाउस, प्रतिनिधि सभा (220 से 212, तीन रिक्तियों के साथ) और सीनेट (50-50 और डेमोक्रेट उपाध्यक्ष कमला हैरिस के टाई-ब्रेकर वोट के साथ) को नियंत्रित करते हैं। 8 नवंबर को होने वाले मध्यावधि चुनाव के लिए व्हाइट हाउस मतदान में शामिल नहीं है। लेकिन प्रतिनिधि सभा की सभी 435 और सीनेट की 100 में से 35 सीटों पर मतदान होना है। इसके अलावा देश के 50 राज्यों में से 36 में गवर्नरों और विधायिकाओं के लिए भी मतदान होना है।

क्विनिपियाक यूनिवर्सिटी पोल के निदेशक डग श्वाट्र्ज ने कहा, मध्यावधि चुनाव आमतौर पर मौजूदा राष्ट्रपति पर एक जनमत संग्रह होता है, जिसके परिणामों और पूवार्नुमानों का राजनीतिक हलकों में एक संदेश जाता है

राष्ट्रपति बाइडेन जनता के बीच अलोकप्रिय बने हुए हैं। अक्टूबर में उनकी रेटिंग 40 प्रतिशत थी, जबकि अगस्त में यह 44 प्रतिशत थी। वर्ष 2018 में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रेटिंग 42 प्रतिशत पर थी और ओबामा के पहले कार्यकाल के दूसरे साल 2010 में 45 प्रतिशत थी।

यहां वही स्थिति है जो 2010 के मध्यावधि में हुआ था। रिपब्लिकन ने 63 अतिरिक्त सीटों को हासिल कर डेमोक्रेट्स से प्रतिनिधि सभा का नियंत्रण छीन लिया था। ट्रंप ने मामूली रूप से बेहतर प्रदर्शन किया। 2018 के मध्यावधि चुनाव में डेमोक्रेटिक ने 41 और सीटों के साथ प्रतिनिधि सभा पर नियंत्रण फिर हासिल कर लिया।

पोलस्टर्स के अनुसार बाइडेन और डेमोक्रेट्स कुछ महीने पहले तक नियंत्रण से बाहर जाती मुद्रास्फीति से प्रभावित थे, जो यूक्रेन युद्ध के कारण तेल की कीमतों में वृद्धि और मुख्य रूप से अपने चुनावी वादों को पूरा करने में विफलता के कारण बढ़ी थी। जुलाई में उनकी अप्रूवल रेटिंग घटकर 38 प्रतिशत रह गई।

इसके बाद सरकार ने कुछ बदलाव किया। इससे मुद्रास्फीति में कमी आई। दवाओं की लागत में कटौती की, स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाया और जलवायु परिवर्तन पर अब तक की सबसे आक्रामक कार्रवाई की। सालाना 400,000 डॉलर से अधिक कमाने वालों पर करों की दरों को बढ़ा दिया।

एक महीने बाद इस बदलाव का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बाइडेन ने कहा, आज सबूत है कि अमेरिका की आत्मा जीवंत है, अमेरिका का भविष्य उज्‍जवल है और अमेरिका का वादा वास्तविक है। अगस्त में बाइडेन की लोकप्रियता 44 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। डेमोक्रेटिक पार्टी की किस्मत बदली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने गर्भपात पर 40 साल के संवैधानिक अधिकार को समाप्त कर दिया।

डेमोक्रेट्स को लगा कि अब वे सत्ताधारी पार्टी की मध्यावधि हारने के इतिहास को बदल सकते हैं। श्वाट्र्ज ने कहा, पोलस्टर्स ने डेमोक्रेट के लिए परिस्थितियों में सुधार देखना शुरू कर दिया, जिससे मुकाबला अधिक प्रतिस्पर्धी हो गया, उन्होंने कहा, गर्भपात का मुद्द डेमोक्रेट के पक्ष में एक महत्वपूर्ण कारक बन गया। जाने-माने पोल विशेषज्ञों ने कहा कि सत्ता पर काबिज होने के पहले रिपब्लिकन ने बहुत कुछ हासिल कर लिया। अब रिपब्लिकन पार्टी के पास जीत की लगभग 4-5 की संभावना है।

जिन 36 राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें से अधिकांश के मौजूदा गवर्नर या पार्टी के उम्मीदवार को फिर से चुने जाने की उम्मीद है। लेकिन कुछ राज्यों में बदलाव हो सकता है। मैरीलैंड और मैसाचुसेट्स के रिपब्लिकन से डेमोक्रेट के पास जाने की संभावना है और रिपब्लिकन नेवादा, विस्कॉन्सिन और ओरेगन को हासिल कर सकते हैं।

सबसे ज्यादा नजर फ्लोरिडा में दूसरे कार्यकाल के लिए दावा कर रहे गवर्नर रॉन डेसेंटिस पर है। उन्हें 2024 में व्हाइट हाउस का भी दावेदार माना जाता है। अब एक हार उनके लिए आत्मघाती होगा। अन्य दिलचस्प मुकाबला जॉर्जिया में है। इस रिपब्लिकन राज्य में 2020 में बाइडेन के पक्ष में मतदान किया था। मौजूदा गवर्नर ब्रायन केम्प दूसरे कार्यकाल के लिए दौड़ लगा रहे हैं। उनकी चुनौती डेमोक्रेट स्टेसी अब्राम्स से है।

 

आईएएनएस

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Created On :   5 Nov 2022 3:00 PM IST

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