23 परमाणु परीक्षणों के बाद बिकनी एटॉल द्वीप समूहों का नजारा देखकर वैज्ञानिक हैरान

डिजिटल डेस्क, सिडनी। उत्तर कोरिया से लगातार मिल रही परमाणु हमलों की धमकियों और हाल में यूएन द्वारा दुनिया से परमाणु हथियारों के खात्मे की कोशिशों के बीच सुदूर प्रशांत महासागर में बिकनी एटॉल द्वीप समूह में एक अजीबो-गरीब दुनिया नजर आ रही है। 1946 से 1954 तक इस द्वीप समूह के आसपास 23 परमाणु परीक्षण किए गए और अब वैज्ञानिक इस इलाके का नजारा देखकर हैरत में हैं।
सिर्फ समुद्री मछलियां और जीव-जन्तु ही नहीं, समुद्र की तलहटी में फैले मूंगों का आकार भी बदल गया है। यह भयावह नजारा बहुत कुछ हॉलीवुड की मुशहूर फिल्म गॉडजिला से मिलता है जिसमें एक सामान्य सा छिपकीलीनुमा जीव परमाणु विकिरण से महादानव का रूप लेकर दुनिया में तहलता मचा देता है। शोधकर्ताओं ने पिछले दिनों इन मानवरहित द्वीपों का ना सिर्फ हवाई दौरा किया बल्कि खास उपकरणों के साथ समुद्र की गहराईयों का भी जायजा लिया।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीव पालुम्बी कहते हैं कि उनकी आंखें फटी रह गई जब उन्होंने कार के आकार का मूंगा देखा। हवाई और आस्ट्रेलिया के बीच बसे माइक्रोनेशियन द्वीप के आसपास मछलियां, शार्क और छोटी-छोटी टूना मछलियां तैरती हुई तो दिखती हैं लेकिन किसी के फिन्स नहीं हैं। तो कहीं उनकी शक्ल डरावनी हो गई है। वैज्ञानिक हैरत में हैं कि 23 परमाणु परीक्षणों का असर झेलने के बाद भी ये दुनिया कैस चल रही हैं?
गार्जियन को एक रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने बताया कि इतने अधिक विकिरण के बावजूद मूंगों का बचा होना अपने आप में एक आश्चर्य है। वे बढ़ रहे हैं लेकिन कुछ अलग तरीके से। पालुम्बी कहते हैं कि आगे के शोध में यह जानना बहुत दिलचस्प होगा कि खुबसुरत मूंगों और शैवाल की दूनिया ने कैसे अपने आप को जिंदा रखा और हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम से 1100 गुना भीषण हाइड्रोजन बम से पैदा हुए गहरे गड्डों में दुनिया कैसी चल रही है।
शोधकर्ताओं ने समुद्री जीवों के डीएनए सैम्पल इकट्ठे किए हैं। उन्हें उम्मीद है कि इससे आगे विकिरणग्रस्त पृथ्वी की आशंका के साएं में उन्हें भावी जीवन की संभावनाओं पर शोध करने में मदद मिलेगी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट हालांकि यह कहती है कि इतने व्यापक परमाणु परीक्षण के बाद जो तबाही हुई है, वह अपरिवर्तनीय है यहां तक कि आसपास के द्वीप समूहों में रहने वाले लोगों को हाई रेडिएशन डोस दिए गए हैं। फिर भी उनमें कैंसर खासकर ब्लड कैंसर और थॉयराइड कैंसर के मामले बढ़े हैं। साफ है कि बिकनी एटॉल का पूरा नजारा दुनिया को यह दिखाने के लिए काफी है कि आपस में प्रेम सद्भाव और मिलजुल कर रहने में ही इस दुनिया की बेहतरी है।
Created On :   15 July 2017 7:25 PM IST