अमेरिकी बिजनेस वार्ता में ब्रिटेन करेगा कठोर सौदेबाजी : जॉनसन

Britain will bargain hard in US business negotiations: Johnson
अमेरिकी बिजनेस वार्ता में ब्रिटेन करेगा कठोर सौदेबाजी : जॉनसन
अमेरिकी बिजनेस वार्ता में ब्रिटेन करेगा कठोर सौदेबाजी : जॉनसन
हाईलाइट
  • अमेरिकी बिजनेस वार्ता में ब्रिटेन करेगा कठोर सौदेबाजी : जॉनसन

लंदन, 2 मार्च (आईएएनएस)। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस महीने के आखिर में पारगमन व्यापार वार्ता में कठोर सौदेबाजी करने की बात कही है।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की एक रिपोर्ट बताती है कि ब्रिटिश सरकार ने सोमवार को ब्रेक्जिट मुक्त व्यापार समझौते के लिए अपने सबसे बड़े द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदार के साथ हुई बातचीत के उद्देश्यों को प्रकाशित करते हुए कहा है कि यह ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को 3.4 अरब पाउंड का बढ़ावा देगी।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार विभाग ने घोषणा की है कि सेरेमिक, कार, खाद्य और पेय पदार्थो के निर्माता और पेशेवर सेवाएं देने वाले आर्किटेक्ट्स-वकील उन ब्रिटिश उद्योगों में शामिल हैं, जो अमेरिकी बाजार में टेरिफ के बिना पहुंचेंगी और बड़ी विजय भी हासिल करेंगी।

प्रधानमंत्री बोरिस ने कहा कि हम ब्रिटिश इण्डस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कठोर सौदेबाजी करने जा रहे हैं। हम अपने दुकानदारों के लिनए कम कीमत पर ज्यादा विकल्प प्रदान करने जा रहे हैं। सबसे अहम बात ये है कि यह पारगमन व्यापार सौदा हम दो महान देशों की निकटता को दर्शाएगा।

व्यापार वार्ता ब्रिटेन और अमेरिका के बीच वैकल्पिक होगी।

डीआईटी ने कहा है कि समझौता पूरे ब्रिटेन के लिए होगा। इससे स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के उत्तर-पूर्व और मिडलैंड्स क्षेत्रों के अमेरिका के साथ व्यापार करने की समस्या को खत्म कर देगा।

सोमवार को प्रकाशित ब्रिटिश सरकार के विश्नेषण से पता चलता है कि इससे ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को 3.4 बिलियन पाउंड का फायदा मिलेगा। वहीं नए व्यापार सौदे से 15.3 अरब पाउंड का बिजनेस बढ़ रहा है।

ब्रिटेन की ओर से डीआईटी के मुख्य व्यापार वार्ता सलाहकार क्रॉफर्ड फॉल्कनर द्वारा की जाएगी। फॉल्कनर न्यूजीलैंड के पूर्व मुख्य वार्ताकार और विश्व व्यापार संगठन के राजदूत थे।

डीटीआई ने कहा है कि, ब्रिटिश सरकार जल्द ही ऑस्ट्रेलिया, जापान और न्यूजीलैंड के लिए वार्ता के उद्देश्य तय करेगी। इसमें उसका लक्ष्य 2022 तक मुक्त व्यापार समझौतों द्वारा कवर किए गए कुल ब्रिटिश बाहरी व्यापार का 80 फीसदी होना है।

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Created On :   2 March 2020 7:01 PM IST

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